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Councilor By Election In Bilaspur: बिलासपुर के वार्ड 16 में उपचुनाव, सोमवार को मतदान - बिलासपुर लेटेस्ट न्यूज

बिलासपुर के कुदूदंड वार्ड क्रमांक 16 विष्णुनगर में उपचुनाव का मतदान 9 जनवरी को होगा. Councilor By Election In Bilaspur शनिवार शाम चुनावी शोर गुल थम गया. बिलासपुर में एक वार्ड में पार्षद के लिए मतदान होगा. कांग्रेस, बीजेपी और जेसीसीजे के बीच त्रिकोणीय मुकाबला Triangular fight between Congress BJP and JCCJ है. देखना होगा कि जनता इस बार किसे चुनती है.

Councilor by election in Bilaspur
बिलासपुर में पार्षद उपचुनाव

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Published : Jan 8, 2023, 6:54 PM IST

बिलासपुर:बिलासपुर में वार्ड 16 के पार्षद पद के लिए उपचुनाव हो रहा है. अब इसमें मतदान की बारी है. Councilor By Election In Bilaspur भाजपा, कांग्रेस और जेसीसीजे तीनों ही दलों के प्रत्याशी अब डोर टू डोर प्रचार कर रहे हैं. इस वार्ड में महिला प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला है. तीनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

वार्ड विष्णुनगर में पार्षद का उपचुनाव:कुदूदंड वार्ड 16 विष्णुनगर में उपचुनाव में मतदान 9 जनवरी को होगा. बीजेपी, कांग्रेस और जेसीसीजे ने वार्ड में चुनावी प्रचार थमने के बाद डोर टू प्रचार किया. इस बार 218 नए वोटर यहां वोट डालेंगे. तीन साल पहले 7,499 वोटर थे. इस बार इनकी संख्या 7,717 हो गयी है. बीजेपी की निधि कमल जैन की मौत के बाद उनकी बेटी श्रद्धा जैन को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है. वहीं इस वार्ड की पूर्व पार्षद शैल यादव जेसीसीजे से उम्मीदवारी कर रही है.

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भाजपा की परंपरागत सीट: वार्ड16 मूल रूप से भाजपा का गढ़ रहा है. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के साथ जेसीसीजे के बीच कड़ा मुकाबला है, हालांकि विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा सभी चुनावों में इस वार्ड से भाजपा को ही लीड मिलती रही है. ऐसे में भाजपा के इस गढ़ में कारोबारी रत्न कश्यप की बहू अनिता कश्यप को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. कांग्रेस राज में और निगम में कांग्रेस की सरकार होने की वजह से कांग्रेस प्रत्याशी आश्वस्त है कि जीत उनकी होगी.

वार्ड में उपचुनाव हो रहा है लेकिन ये चुनाव तीनों ही दलों के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बना हुआ है. इस चुनाव को बहू और बेटी के साथ पूर्व पार्षद के बीच मुकाबला बताया जा रहा है. बहू बेटी के बीच हो रहे इस मुकाबले में जीत जिस भी दल की होगी. वह आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक बहुत बड़े संदेश के रूप में काम करेगा, क्योंकि 8-9 महीने बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है जो दोनों दलों के लिए एक दिशा तय करेगा.

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