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बिलासपुर: उचित मूल्य की दुकानों में लाखों की गड़बड़ी, संचालकों के खिलाफ होगी कार्रवाई - Bilaspur food controller Hezekiel masih latest statement

बिलासपुर के संचालित शहर की 11 सहकारी उचित मूल्य की दुकानों में लाखों की गड़बड़ी का मामला सामने आया है. आरोप है कि संचालक हितग्राहियों के राशन में कटौती कर इसकी कालाबाजारी कर रहे थे.वहीं खाद्य नियंत्रक ने बताया कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गड़बड़ी करने वाले सरकारी उचित मूल्य की दुकान चलाने वालों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

corruption in government ration shops of bilaspur
बिलासपुर के उचित मूल्य की दुकानों में लाखों की गड़बड़ी

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Published : Aug 25, 2020, 7:06 AM IST

बिलासपुर : खाद विभाग की ओर से संचालित शहर की 11 सहकारी उचित मूल्य की दुकानों में लाखों की गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक ये गड़बड़ी वर्षों से चली आ रही है. इसका खुलासा तब हुआ जब इन दुकानों का आवंटन निरस्त कर नई दुकानों को इसे देने की योजना तैयार हुई.

बिलासपुर के उचित मूल्य की दुकानों में लाखों की गड़बड़ी

आनन-फानन में फूड अधिकारियों ने इन दुकानों की जांच करवाई. जांच में जमकर धांधली सामने आई है, जिसमें गरीब सहित आम लोगों को मिलने वाले खाद्यान के चावल, नमक, शक्कर, मिट्टी तेल सहित अन्य सामानों के वितरण में जमकर गड़बड़ी की गई थी. आरोप है कि संचालक हितग्राहियों के राशन में कटौती कर इसकी कालाबाजारी कर रहे थे.

इस मामले में खाद्य नियंत्रक का कहना है कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गड़बड़ी करने वाले सरकारी उचित मूल्य की दुकान चलाने वालों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. साथ ही दोबारा इस तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जा रहा है, जो खाद्यान वितरण की प्रॉपर निगरानी करेंगे.

पढ़ें:सरकारी राशन दुकान में हेराफेरी, प्रशासन ने संचालक के खिलाफ दर्ज कराई FIR

गौरतलब है कि जिले में लगातार उचित मूल्य की दुकानों से राशन की गड़बड़ी की शिकायत विभाग को मिलती रही है, लेकिन बावजूद इसके विभाग की अनदेखी की वजह से इस तरह के केस सामने आ रहे हैं. बता दें कि 14 जुलाई को रायपुर के गोबरा नवापारा में 29 लाख 50 हजार 280 रुपए के सरकारी राशन की हेराफेरी करने वाले दुकान संचालक और उसके सहयोगियों के खिलाफ प्रशासन ने FIR दर्ज करवाई की गई थी. वहीं कोरबा में 28 जून को ऐसा ही मामला सामने आया था. जिले के पहन्दा पंचायत के हितग्राहियों ने आरोप लगाया था कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान को जागृति स्व सहायता समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो मनमानी तौर से हितग्राहियों से ज्यादा रूपये वसूल रहे हैं. 17 रुपये का मिट्टी तेल को 25 रुपये की दर से बेचा जा रहा था.

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