गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: मरवाही वन मंडल में मनरेगा के तहत कराए जाने वाले निर्माणकार्य में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. जिसमें पर्दे के पीछे से ठेकेदारों ने 2020-21 में बनाए जाने वाले दो अलग-अलग पुलिया का बिना निर्माणकार्य कराए ही कागजों में निर्माणकार्य होना बताकर एक साल पहले ही पैसों का आहरण (corruption in culvert construction work in marwahi) कर लिया. दोनों पुलिया निर्माण की लागत कुल 25 लाख रुपए थी, जिसमें एक पुलिया के लिए 10 लाख और दूसरे के लिए 15 लाख रुपये आवंटित की गई थी. मामले का खुलासा होने के बाद अब ठेकेदार और विभाग द्वारा गुपचुप तरीके से एक बार फिर निर्माणकार्य शुरू किया गया है. मामले में अधिकारी जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई और ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने की बात कह रहे हैं.
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क्या है पूरा मामला ?: मरवाही वन मंडल में हुए मनरेगा कार्य में बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद का है. वन विभाग के 13 कर्मचारी अधिकारी, जिसमें रिटायर्ड अधिकारी भी फर्जीवाड़े में संलिप्त पाया गया था. जांच के बाद सभी को सस्पेंड किया गया था. लेकिन दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई. अब सस्पेंड कर्मचारी उसी काम को पूरा करने में जुटे हुए है. जिन कार्यो में अनियमितता और फर्जीवाड़े के मामले में उन पर कार्रवाई हुई थी.
दो पुलिया को होना था निर्माण: पेण्ड्रा वन परिक्षेत्र पर रामगढ़ से करगीखुर्द पहुंच मार्ग पर दो पुलिया निर्माणकार्य होना था. जिसमें से एक की लागत 10 लाख और दूसरे पुलिया की लागत 15 लाख रुपये थी. जवाबदार कर्मचारी और ठेकेदारों ने मिलीभगत करते हुए 25 लाख रुपयों की पुलिया निर्माणकार्य होना बतलाते हुए एक साल पहले 20 लाख रुपये निकाल लिए थे. इसमें दोषी मेटेरियल सप्लायर AKS कंस्ट्रक्शन आशुतोष कुमार शर्मा के नाम से पैसा निकाल (orruption in culvert construction work) लिया गया था.