बिलासपुर : तस्वीरों और वीडियो देखकर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये दोनों तस्वीरे छत्तीसगढ़ के महानगर बिलासपुर की है. इस तस्वीर में एक को देखकर लगेगा कि ये किसी गांव की है और दूसरे को देखने से अहसास होगा कि किसी मेट्रो सिटी की है. लेकिन दोनों ही बिलासपुर की तस्वीर है और दोनों नगर निगम क्षेत्र की है. जहां एक तरफ नगर निगम कंगाल है और राज्य सरकार के दिये फंड के भरोसे वार्डों के विकास की कार्ययोजना बना रहा है. वहीं सरकारी बंगलों की दीवारों और पुल पुलिया के नीचे स्मार्ट सिटी रंग रोगन और चित्रकारी कर पैसे बर्बाद कर रहा है.
बिलासपुर बन रहा है स्मार्ट :बिलासपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है. बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड शहर के 14 वार्डों में काम कर रही है. बिलासपुर नगर निगम वैसे तो 70 वार्डो का शहर है, लेकिन वार्डो की स्थिति और सड़क, नालिया बद से बदतर होती जा रही है. नगर निगम में नए शामिल हुए वार्ड को देखने से समझ आने लगता है कि यह किसी गांव की तस्वीर है. क्योंकि शहरी क्षेत्र में ऐसी स्थिति नहीं होती. यह बात भी सही है कि नगर निगम के वार्डों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है और निगम के पास इतने पैसे भी नहीं है कि वह वार्डो का विकास कर सके.