बिलासपुर: देश में लगातार ओमीक्रोन की दहशत (Coronavirus Omicron Variant 2021)बढ़ रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ में नए वैरियंट से निपटने को स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां व इंतजाम अधूरे (Health department careless amid fear of third wave in Bilaspur) है. पांच माह बाद भी बड़े ऑक्सीजन प्लांट नहीं बन पाए हैं. स्वास्थ्य महकमे की अधूरी तैयारियों के बीच तीसरी लहर या ओमीक्रन की दस्तक कहीं लोगों को भारी न पड़ जाए.
कोरोना की तीसरी लहर के खौफ के बीच स्वास्थ्य विभाग लापरवाह स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से खेल रहा विभाग
देश मे कोरोना की दूसरी लहर के तांडव की तस्वीरें अस्पतालों में बेड,ऑक्सीजन की कमी, एम्बुलेंस और दवाईयों की किल्लत से आज भी लोगों का दिल दहल सा उठता है. छत्तीसगढ़ में अप्रैल और मई में आई दूसरी लहर में कोरोना से हुई तबाही को देखने के बाद शासन ने सिम्स , जिला अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाने के साथ दो - दो ऑक्सीजन प्लांट बनाने के लिए कहा. अब जब तीसरी लहर दहलीज पर पहुंची तो अफसर फिर व्यवस्थाओं को पूरा करने विभाग-विभाग खेल रहें है.
सिम्स में बच्चों के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था नहीं
अगर जिला प्रशासन की मौजूदा व्यवस्थाओं की बात की जाए तो अभी बच्चों के लिए 42 बेड तैयार हो रहे हैं. लेकिन काम अभी चल रहा है. इधर सिम्स में बच्चों के इलाज के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं बन पाई है. पूरी सरकारी व्यवस्था में अभी तक कुल 487 बेड की व्यवस्था है. 405 ऑक्सीजन बेड हैं. वेंटिलेटर की करें तो कुल 56 वेंटिलेटर हैं. 200 बेड का एक आइसोलेशन सेंटर भी रहेगा, हालांकि इतनी व्यवस्था ऊंट के मुंह में जीरा जैसी बात होगी.यही वजह है कि ये व्यवस्था नाकाफी हो सकती है.
ओमीक्रोन की दस्तक से खौफ
बहरहाल देश मे ओमीक्रोनवेरिएंट की दस्तक हो चुकी है. ऐसे में लोगों का तीसरी लहर का खौफ लाजमी है. जरूरत है कि सरकार दूसरी लहर से सीख लेते हुए तमाम व्यवस्था व तैयारियां जल्द पूरी करें,ताकि लोगों को बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर,एम्बुलेंस और निजी अस्पतालों की मनमानी का शिकार न होना पड़े.