बिलासपुर : कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जिले में कोरोना संक्रमितों की जांच लगभग बंद हो गई थी, लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल अब खत्म हो गई है. सोमवार से कोविड की टेस्टिंग शुरू हो जाएगी. 5 दिनों से बंद होने की वजह से संक्रमित की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन दोबारा जांच शुरू होने से कोरोना संक्रमित की जांच में चौकानेवाले आंकड़े सामने आ सकते (Corona infection may increase in Bilaspur) हैं. स्वास्थ्य विभाग फिलहाल इस मामले में जांच के बाद पॉजिटिव मरीजो के सामने आने के सही आंकड़ों का अनुमान तो नही लगा पा रहा है, लेकिन आंकड़े बढ़ने की बात से डरा हुआ जरूर है.
क्या हो रही थी परेशानी : बिलासपुर जिले में कर्मचारी अधिकारी हड़ताल के दौरान सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए (concern of bilaspur health department)थे. शुक्रवार को हड़ताल समाप्त हो गई है. हड़ताल के दौरान 5 दिनों तक कोरोनावायरस की टेस्टिंग का काम बंद रहा और सोमवार से इसे फिर से शुरू कर दिया जाएगा. जिले में जिला अस्पताल, सिम्स मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र और कोरोना जांच सेंटरों में जांच की जाती है. जांच शुरू होते ही संक्रमित मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है. बंद के दौरान जिले में 5 दिनों तक मरीजों की जांच नही हुई इसलिए उनकी पहचान भी नहीं हुई है. ऐसे मरीज जब एक साथ जांच कराने पहुंचेंगे तो पॉजिटिव की संख्या बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी और स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए डरा हुआ है.
तीसरी लहर में युवा ज्यादा हुए है संक्रमित :कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा (corona case in bilaspur) है लेकिन इस बार सबसे ज्यादा संक्रमित युवा हो रहे हैं. 22 दिनों में कुल 395 पॉजिटिव मरीज मिले. स्वास्थ्य विभाग ने इन आंकड़ों की जांच की तो पता चला कि 38 फ़ीसदी संक्रमित की उम्र 30 से 45 वर्ष के बीच है, जबकि कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमितों में इस उम्र के 29% लोग ही पॉजिटिव हुए थे. इसी तरह संक्रमितों में 18 से 30 वर्ष के 22 परसेंट लोग शामिल हैं. जबकि तीसरी लहर में मात्र 18% ही वायरस की चपेट में आ रहे थे.