बिलासपुर:बिलासपुर के सरकंडा थाना के आरक्षक के 5 माह के बेटे का लीवर खराब हो गया है. बच्चे के लीवर ट्रांसप्लांट में डॉक्टर ने 23 लाख रुपए का खर्च बताया है. विभाग की ओर से आरक्षक को 10 लाख रुपए लोन के तौर पर पैसों की मदद हुई है, लेकिन ये इलाज को पर्याप्त नहीं है. आरक्षक अब सामाजिक संगठनों से मदद की गुहार लगा रहा है. इससे पहले भी छत्तीसगढ में दो बच्चों को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी की बीमारी थी, जिसका इंजेक्शन 16 करोड़ रुपए था. जिनमें एक को कोल इंडिया ने पैसे प्रोवाइड किये और दूसरे को लॉटरी में फ्री में इंजेक्शन मिला. इसी आस में आरक्षक भी अब अपने बच्चे के इलाज की मदद के लिए गुहार लगा रहा (constables son has serious liver disease In Bilaspur ) है.
लीवर ट्रांसप्लांट में 22-23 लाख का खर्च: दरअसल, बिलासपुर जिला के थाना सरकंडा में पदस्थ आरक्षक हितेश जोशी के 4 माह के बच्चे का लीवर ट्रांसप्लांट होना है. लीवर ट्रांसप्लांट का इलाज गंगाराम हॉस्पिटल नई दिल्ली में चल रहा है. लीवर ट्रांसप्लांट में करीब 22-23 लाख रूपये का खर्च आएगा. आरक्षक हितेश जोशी ने उपचार के लिए आर्थिक सहायता दिलाये जाने की गुहार लगा रहा है. आरक्षक हितेश जोशी को बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी ने जल्द-से-जल्द आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया है. आईजी के प्रयास से विभाग की ओर से 10 लाख रुपए का लोन की मदद तो हुई है, लेकिन ये काफी नहीं है. आरक्षक अब अन्य माध्यमों से शासकीय सहायता, स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री सहित सामाजिक संगठनों से आर्थिक मदद की अपील कर रहा है.
कैसे खराब हुआ बच्चे का लीवर: आरक्षक ने बताया कि उसका बेटा जब पैदा हुआ था, तो उसे पीलिया था. बिलासपुर के एक प्रसिद्ध डॉक्टर ने सलाह दी कि बच्चे को धूप में रखने से पीलिया की बीमारी खत्म हो जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और महज 3 माह के भीतर ही बच्चे का लिवर खराब हो गया. बच्चे की दादी ने बताया कि वो लगातार दो माह से बिलासपुर के उस डॉक्टर को अपने पोते को दिखाते रहे, लेकिन वो सिर्फ ब्लड जांच करवा कर ठीक स्थिति बताता रहा. डॉक्टर अगर अल्ट्रासाउंड या कोई दूसरी जांच करवाता तो बीमारी का पहले पता चल जाता. आसानी से छोटा सा ऑपरेशन से उनका पोता ठीक हो जाता. इससे बच्चे को तकलीफ भी कम होती. कुछ पैसे में सब कुछ ठीक हो जाता.
बच्चे की मां के लीवर से निकलेगा बच्चे के लिए लीवर:बीमार बच्चे की मां स्वीकृति जोशी ने बताया कि "उसके बच्चे का पीलिया इतना बढ़ गया है कि उसका लीवर पूरी तरह खराब हो रहा है. बच्चे का शरीर पीला होने लगा है. आंखे भी पीली हो रही है और पूरे समय बच्चा रोते रहता है. उसको कभी तकलीफ है. डॉक्टरों ने कहा है कि उसके शरीर से लीवर निकालकर बच्चे को लगाना पड़ेगा. बच्चे और मां दोनों का ऑपरेशन एक साथ होगा. इस प्रक्रिया में काफी पैसे खर्च होंगे. वो चाहती है कैसे भी उसका दूधमुंहे बच्चे की जान बच जाए.