गौरेला पेंड्रा मरवाही:देश में कोरोना के बाद टिड्डी दल का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिला कलेक्टर डोमन सिंह ने टिड्डी दल के आक्रमण की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए कृषि, राजस्व एवं अन्य विभागीय अधिकारियों की आवश्यक बैठक लेकर टिड्डी दल की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिले के सीमावर्ती गांव में समुचित प्रचार-प्रसार करते हुए ग्रामीणों को टिड्डी दल से बचाव के तरीकों से अवगत कराया जाए. वहीं बचाव के लिए ध्वनि यंत्रों की व्यवस्था और कीटनाशकों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
ध्वनि यंत्रों से टिड्डी दल को भगाने का प्रयास
उन्होंने कहा कि टिड्डी दल के आने पर ढोल, पटाखे, मोटर साइकल के साईलेंसर और अन्य तेज ध्वनि यंत्रों से टिड्डी दल को भगाने का प्रयास करें. कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अपने क्षेत्र के कृषकों को फसलों में छिड़काव के लिए उचित दवा जैसे क्लोरोपायरीफाॅस, लैम्बड़ा-साईहेलोथ्रिन, मेलाथियान इत्यादि की सही मात्रा और सही समय पर छिड़काव की जानकारी दें. उन्होंने कृषि विभाग को दवा छिड़काव के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा और स्प्रे इत्यादि की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सके.
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अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश
उन्होंने जिला स्तर पर नियंत्रण और निरीक्षण दल गठित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए. जिससे टिड्डी दल के आगमन की दिशा पर सतत नजर रखी जा सके. उन्होंने जिले के सीमावर्ती गांवों में मुनादी और मैदानी स्तर पर अधिकारियों को सतत निगरानी करने के लिए निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि टिड्डी दल टिड्डी नाम के उड़ने वाले कीट का बड़ा दल है. इसमें लाखों कीड़े एक साथ उड़ते हैं. यह लगभग दो से ढाई इंच लम्बा कीट होता है. यह समूह एक दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है. हालांकि इनके आगे बढ़ने की दिशा हवा की गति पर निर्भर करती है.