बिलासपुर: कोरोना संकट के बीच प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों के अलावा सिम्स (CIMS) के 92 जूनियर डॉक्टर्स के इस्तीफे के बाद सिम्स (CIMS) मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. सिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन के मुताबिक जूनियर डॉक्टर्स के इस्तीफे से फर्क नहीं पड़ेगा.
सिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ पीके पात्रा ने बताया कि इस्तीफा देने वाले तमाम रेसिडेंट डॉक्टर शासन के आदेश के बाद हमारे यहां सेवा दे रहे थे. ये डॉक्टर्स 2014 बैच के रेसिडेंट डॉक्टर हैं, जिन्हें इंटर्नशिप के बाद कोरोना महामारी के दौरान सेवा देने के लिए यहां रखा गया था, जिनकी सेवा मार्च में ही पूरी हो चुकी थी.
चाहें तो मिल सकती है रिलीविंग: डॉ. पात्रा
डीन ने कहा कि एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के गाइडलाइन के मुताबिक हमारे पास डॉक्टरों की कमी नहीं है. इनकी पदस्थापना डीएचएस ने की है और इनके वेतन के लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है. पीके पात्रा ने कहा कि डॉक्टर चाहें तो इन्हें रिलीविंग मिल सकती है.
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172 डॉक्टर्स ने दिया था इस्तीफा
बता दें कि कोरोना संकट के बीच रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव के 80 डॉक्टर्स के साथ बिलासपुर के 92 जूनियर डॉक्टर्स ने वेतन नहीं मिलने, सही शिफ्ट नहीं लगाने और कोरोना वार्डों में सुरक्षा के सही इंतजाम नहीं होने की वजह से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था. कुल 172 डॉक्टरों ने व्यवस्थाओं को लेकर इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप जैसी स्थिति बन गई थी.