छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ में महिलाएं नहीं हैं सेफ, अगर आप भी हैं प्रताड़ना के शिकार तो ले सकते हैं ये लीगल हेल्प - Types of Women Harassment

Law For Women महिलाएं चाहे घर में हो या दफ्तर में हर दिन प्रताड़ना का शिकार हो रहीं हैं. ऐसी महिलाओं के लिए कई कानून बने हुए हैं. इन कानूनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Law For Women
महिलाओं के लिए कानून

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 24, 2023, 4:33 PM IST

Updated : Nov 24, 2023, 5:46 PM IST

आप भी हैं प्रताड़ना के शिकार तो ले सकते हैं ये लीगल हेल्प

बिलासपुर:भले ही हम आज 21वीं सदी में जी रहे हों लेकिन फिर भी महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं आ पाया है. कई क्षेत्रों में आज भी महिलाओं की हालत बद से बदतर है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति बद से बदतर है. कई महिलाएं ऐसी हैं जो आज भी गुलामी के जंजीरों में जकड़ी हुईं हैं. महिलाओं की सुरक्षा और अधिकार के लिए कई कानून बने हैं, लेकिन वो कानून भी कागजों तक ही सीमित है. क्योंकि कई महिलाओं को तो उनके हक के बारे में पूरी जानकारी भी नहीं है.

बात अगर छत्तीसगढ़ की करें तो हर दिन प्रदेश के किसी न किसी क्षेत्र में युवती हो या महिला, वो प्रताड़ना का शिकार हो रहीं हैं. महिला उत्पीड़न और महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों से संबंधित कानून के बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने दो महिलाओं से बातचीत की. एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो छोटे बच्चों से लेकर महिलाओं तक को जागरूक करती हैं. वहीं, दूसरी महिला एक वकील हैं, जो कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है.

जानिए क्या कहती हैं सामाजिक कार्यकर्ता:ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान समाजसेवी अंकिता पांडेय ने महिला सुरक्षा संबंधी कानून को लेकर कई जानकारियां दी. उन्होंने कहा कि, " मैं उत्पीड़न का शिकार महिलाओं को न्याय दिलाने का काम करती हूं. पीड़िता के परिवार से लेकर कोर्ट तक की समस्या को सुलझाने का काम मैं करती हूं. उनकी काउंसिलिंग कर कोशिश करती हूं कि उन्हें उत्पीड़न से बचाया जा सके. कई ऐसे मामले आते हैं जिसमें महिलाओं को सलाह के साथ कानूनी लड़ाई लड़ने की सलाह देना पड़ता है. देश के विकास के साथ ही नए अपराध का जन्म भी हो रहा है."

मैटरनिटी लीव के बाद महिलाओं को होती है दिक्कतें: समाजसेवी अंकिता पांडेय ने कहा कि, "घरेलू हिंसा के साथ ही महिलाओं को अपने दफ्तर में भी उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है. शुरुआत में कई महिलाएं इन पर ध्यान नहीं देती. धीरे-धीरे वो अपराध बड़ा रूप ले लेता है. उदाहरण के तौर पर कार्य क्षेत्र में महिलाओं को मैटरनिटी लीव के बाद वापस काम पर लौटने के बाद शुरुआत में बच्चों के साथ अपने काम को लेकर थोड़ी दिक्कतें आती है. ऐसे में महिलाओं को दफ्तर और घर दोनों जगहों पर मैनेज करने में दिक्कतें होती है. इस बीच घर के साथ-साथ दफ्तर में भी ताने सुनने पड़ते हैं. इसके साथ ही घरेलू हिंसा में कई बार महिलाओं को ससुराल में पति से लेकर अन्य लोग प्रताड़ित करते हैं. कई बार उनके मायके वाले भी उन्हें ससुराल को लेकर ताना देते हैं. ऐसे में महिलाओं को कानूनी सलाहकार की राय लेनी चाहिए."

महिला उत्पीड़न पर क्या कहती हैं वकील:महिलाओं के उत्पीड़न और कानून से संबंधित अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने पेशे से वकील प्रियंका शुक्ला से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "मेरे पास आए दिन ऐसे मामले आते रहते हैं.पहले महिला की काउंसलिंग की जाती है. परेशानी को समझने के बाद पीड़िता और उनके परिवार की काउंसलिंग करती हूं. लेकिन जब इन सबसे बात नहीं बनती तो कानून का, पुलिस का सहारा लेने की सलाह देती हूं. उत्पीड़न को लेकर जब महिला कहीं शिकायत नहीं कर पाती. या फिर उन्हें घर से निकलने नहीं दिया जाता है, तो इसके लिए भी कानून में कई व्यवस्थाएं हैं. महिला 108 नंबर डायल कर अपने साथ हुए प्रताड़ना की जानकारी दे सकती है. इसके बाद उन्हें कानून की मदद मिलती है."

महिलाओं के लिए हर जिले में बना वन सखी सेंटर: इसके साथ ही घरेलू हिंसा से निपटने के लिए महिलाओं के लिए हर जिले में वन सखी सेंटर बनाया गया है. यहां भी महिलाओं को कानूनी सलाह दी जाती है. पीड़ित महिलाएं कोर्ट में एप्लिकेशन देकर आगे बढ़ सकती हैं. आर्थिक रूप से तंगी होने पर महिला धारा 125 के तहत केस दर्ज करवा सकती है. निर्भया कांड के बाद पूरे देश में महिलाओं सुरक्षा के लेकर कई नए कानून बने हैं. जिला मुख्यालय में पुलिस ने महिला सेल बनाया है. इसके अलावा महिलाओं को अगर अपनी उत्पीड़न की शिकायत करने का मौका नहीं मिल रहा है तो उनकी जगह उनका पड़ोसी और रिश्तेदार भी शिकायत करे तो इस पर भी करवाई की जाएगी. अब तो महिला संबंधी अपराध की शिकायत किसी भी थाना क्षेत्र में किया जा सकता है. पुलिस संबंधित थाने में मामला भेजकर करवाई करेगी. महिलाओं को अपने प्रति जागरूक होना है, जिससे वह उत्पीड़न से बच सके.

महिला उत्पीड़न के प्रकार

महिला उत्पीड़न के कई प्रकार होते हैं. इन उत्पीड़न को लेकर कानून भी सख्त बने हुए हैं. अगर आप भी महिला हैं और प्रताड़ना का शिकार हो रही हैं तो कानूनी जानकार की सलाह जरूर लें.

सरकारी स्कूल में छात्राओं के यौन शोषण का आरोपी प्रिंसिपल फरार, महिला आयोग हुआ सख्त
Watch : केरल में महिलाओं ने खोली टू व्हीलर वर्कशॉप, कर रहीं वाहनों की सर्विसिंग
छत्तीसगढ़ में 700 संगवारी मतदान केंद्रों में महिला मतदान कर्मियों ने संभाली कमान, ऐसे थे इंतजाम
Last Updated : Nov 24, 2023, 5:46 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details