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Bilaspur Sankalp Shivir Pledge: कांग्रेस के संकल्प शिविर में मोहब्बत की दुकान, जानिए क्यों सीएम भूपेश को दिलानी पड़ रही कार्यकर्ताओं को शपथ - Bilaspur News

Bilaspur Sankalp Shivir Pledge छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस संकल्प शिविर के जरिए हर जगह नफरत हटाकर मोहब्बत की दुकान खोलने का संदेश दे रही है.आखिर क्यों चुनाव से पहले कांग्रेस को संकल्प शिविर के जरिए कार्यकर्ताओं को एकजुट करना पड़ रहा है. क्यों सीएम भूपेश और प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज हर शिविर में कार्यकर्ताओं को संकल्प दिलाते नजर आ रहे हैं.ईटीवी भारत ने इस बात की तह तक जाने की कोशिश की है.

Pledge Of Honesty In Sankalp shivir
टिकट वितरण से पहले कांग्रेस पढ़ा रही एकजुटता का पाठ

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 29, 2023, 1:38 PM IST

Updated : Aug 29, 2023, 2:28 PM IST

बिलासपुर : कांग्रेस ने त्रिवेणी भवन में संकल्प शिविर का आयोजन किया.जिसमें सूबे के मुखिया सीएम भूपेश बघेल ने शिरकत की.इस दौरान सीएम भूपेश ने कार्यकर्ताओं से बूथ मैनेजमेंट,कांग्रेस सरकार की कल्याणकारी योजना,नीति और बीजेपी की भ्रष्टाचार और जनविरोधी नीति को लेकर चर्चा की.इस संकल्प शिविर में सीएम भूपेश ने पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता को ईमानदारी से काम करने की शपथ भी दिलाई.ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के अंदर किसी भी तरह की अंतरद्वंद की स्थिति ना पैदा हो.लिहाजा सीएम ने भरे मंच से कार्यकर्ताओं को छत्तीसगढ़ की अस्मिता को बचाने के साथ ही नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने और कांग्रेस के उम्मीदवार को जिताने की शपथ दिलाई.

क्यों सीएम भूपेश को दिलानी पड़ रही है शपथ ? : आपको बता दें कि कांग्रेस ने ब्लॉक स्तर से टिकट के लिए आवेदन मंगवाएं हैं.लेकिन इस बार उम्मीद से ज्यादा लोगों ने टिकट के लिए दावा ठोका है.हर किसी को लग रहा है कि यदि कांग्रेस उसे टिकट देगी तो वो जिताऊ कैंडिडेट बनकर निकलेंगे.लेकिन हकीकत यही है कि टिकट सिर्फ एक को ही मिलेगी.ऐसे में दूसरे दावेदार जो पदाधिकारियों के सामने कुछ नहीं कर सकते और फॉर्म जमा किए हैं, पार्टी के फैसले से नाराज हो सकते हैं.लिहाजा संकल्प शिविर के माध्यम से सीएम और प्रदेशाध्यक्ष अपने कार्यकर्ताओं को पार्टी के प्रति ईमानदार रहकर जीत के लिए काम करने को कह रहे हैं.



सीएम का दावा मिलकर करेंगे काम :संकल्प शिविर में भूपेश बघेल ने कहा कि पार्टी में प्रजातांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं से फॉर्म मंगवाया है. जीतने वाले कार्यकर्ता को टिकट दिया जाता है. पिछली बार की तरह इस बार भी आवेदन मंगवाए थे और इसमें कोई नाराज नहीं होता. पिछली बार भी जीते थे.

''कार्यकर्ताओं की भावनाओं को भी समझना जरूरी होता है. ब्लॉक अध्यक्षों के पास जो आवेदन आए हैं. उसमें से पांच का पैनल बनाने को कहा गया है. उसके विचार को भी सुनना जरूरी है. पिछली बार भी यह प्रक्रिया अपनाई गई थी.नाराज कोई भी नहीं हुआ था और कांग्रेस की जीत हुई थी. जब कोई योग्य व्यक्ति को टिकट मिलेगी तो कोई नाराज नहीं होगा.''- भूपेश बघेल,सीएम छग


संकल्प शिविर में दूर हो रही है नाराजगी : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभय नारायण राव ने भी संकल्प शिविर काफी असरदार बताया है. अभय नारायण राव की माने तो संकल्प शिविर के दौरान कार्यकर्ताओं को बड़े नेता यही समझा रहे हैं कि टिकट किसी एक को ही मिल सकता है.जिसको भी टिकट मिलेगी,कार्यकर्ता साथ मिलकर उसे जिताने की कोशिश करेंगे.

''ब्लॉक अध्यक्षों के पास आवेदन इसीलिए मंगाया गया था कि जो भी इच्छुक हैं. वह अपना आवेदन करें. जिससे पार्टी को या पता चलता है कि कितने लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं. आवेदन ज्यादा आए हैं ये कार्यकर्ताओं का उत्साह है. लेकिन पार्टी का जो आदेश होगा. सभी दावेदार उसका पालन करेंगे.'' अभय नारायण राव,प्रवक्ता,कांग्रेस

बीजेपी ने संकल्प शिविर पर साधा निशाना :कांग्रेस के संकल्प शिविर को लेकर बीजेपी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.बीजेपी जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने कहा कि कांग्रेस में सभी खुद को चुनाव लड़ने के लायक बताते हैं. सभी दावा करते हैं कि वह चुनाव जीत जाएंगे. लेकिन बीजेपी की तरह कांग्रेस में कोई सिद्धांत नहीं है.

''बीजेपी में भी चुनाव लड़ने के कई इच्छुक लोग हैं. वो भी चुनाव लड़ना चाहते हैं. लेकिन जब किसी एक को टिकट मिलता है तो सभी मिलकर उसे जीताने के लिए काम करते हैं.लेकिन कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेसी बागी हो जाते हैं.'' रामदेव कुमावत, जिलाध्यक्ष बीजेपी

बगावत रोकने के लिए एकजुटता जरुरी : इस मामले में राजनीति की जानकार अनिल तिवारी के मुताबिक जो भी व्यक्ति टिकट के आवेदन करता है,वो अपने क्षेत्र या समाज का प्रभावशाली व्यक्ति होता है.वह अपने आप में चुनाव जिताने या हराने की ताकत भी रखता होगा.यही वजह है कि उसने टिकट के लिए आवेदन दिया है.ऐसे व्यक्तियों को यदि दरकिनार किया जाएगा,तो वो नाराज होंगे. चुनाव के दौरान यदि नाराजगी दूर नहीं की गई तो कांग्रेस को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

''बहुत सारे आवेदनों के कारण कांग्रेस को डर है कि चुनाव में कार्यकर्ता या पदाधिकारी बागी ना हो जाए.इसलिए कांग्रेस संकल्प शिविर में सभी को एकजुटता का संदेश दे रही है. पार्टी के प्रति ईमानदार रहने की शपथ दिलवा रही है.यदि चुनाव में कार्यकताओं की एकजुटता नहीं दिखी तो नाराज कार्यकर्ता कांग्रेस को सत्ता से दूर भी कर सकते हैं.'' -अनिल तिवारी,राजनीति के जानकार

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संकल्प शिविर में शक्ति प्रदर्शन ने बढ़ाई परेशानी :भले ही कांग्रेस संकल्प शिविर के जरिए अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने का दंभ भर रही हो.लेकिन हकीकत यही है कि दावेदार अपने समर्थकों के साथ शिविर में पहुंचकर नारेबाजी कर रहे हैं.जबकि पीसीसी ने संकल्प शिविर में नारेबाजी करने पर प्रतिबंध लगा रखा है.बिलासपुर में तीन विधानसभा बिल्हा, बिलासपुर और तखतपुर विधानसभा के कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था.जिसमें हजारों की संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने अपने पसंदीदा नेता का नाम लेकर सीएम भूपेश के सामने नारेबाजी की.ऐसे में पार्टी चाहती है कि टिकट वितरण से पहले ही टिकट के दावेदारों तक ये संदेश चला जाए कि जिसे भी उम्मीदवार बनाया जाएगा,उसे जिताने के लिए काम करें.

Last Updated : Aug 29, 2023, 2:28 PM IST

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