छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पेंशन राशि जारी कर वसूली के आदेश पर लगाई रोक - chhattisgarh High Court

पति के मौत के बाद अधिक पेंशन राशि जारी कर स्टेट बैंक के वसूली के आदेश पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Apr 17, 2023, 2:37 PM IST

बिलासपुर: दूसरी बटालियन छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल सकरी बिलासपुर में पुलिस विभाग में कान्सटेबल के पद पर सहलूराम भगत पदस्थ थे. उनकी मृत्यु 19.08.2011 हो जाने पर उनकी पत्नी सुमित्रा भगत को सन 2011 से फैमिली पेंशन की राशि मिलनी शुरू हुई. पेंशन भुगतान के 12 साल बाद 10 फरवरी 2023 को भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक रायपुर ने उन्हें अधिक पेंशन भुगतान का हवाला देकर सुमित्रा भगत के पेंशन राशि से वसूली का आदेश जारी किया. इस वसूली आदेश से परेशान होकर मृत कांस्टेबल की पत्नी सुमित्रा भगत ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर रिट याचिका दायर कर वसूली आदेश को चुनौती दी, इस याचिका में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्टे दिया है.

ये है मामला: मृतक हेड कांस्टेबल की विधवा को पहले बैंक ने अधिक पेंशन जारी किया. बाद में गलती का एहसास होने पर बैंक उनसे वसूली का आदेश जारी कर दिया. इस आदेश को लेकर हेड कांस्टेबल सल्लू राम भगत की विधवा सुमित्रा भगत ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में तर्क प्रस्तुत किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भगवान शुक्ला विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य के बाद में यह निर्णय दिया गया कि किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी या पेंशनभोगी के पेंशन से वसूली का आदेश जारी किया जाता है तो यह एक सिविल प्रक्रिया है, और वसूली आदेश जारी किये जाने से पहले पेंशनभोगी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब लिया जाना चाहिये. मामले में पूरी जांच कार्यवाही के बाद गंभीर त्रुटि पाए जाने पर ही वसूली आदेश जारी किया जा सकता है. इस मामले में याचिकाकर्ता एक पुलिस कान्सटेबल की विधवा है और उसे सेवा नियम और अन्य कानूनों की कोई जानकारी नहीं है.

Baloda bazar : सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का उल्लंघन, लाल ईंटों का शासकीय निर्माण में इस्तेमाल

रिकवरी के आदेश पर रोक:यदि पेंशन कार्यालय के अधिकारियों द्वारा उन्हें अधिक भुगतान किया गया है तो इसके लिए पेंशन कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार हैं. वसूली उन अधिकारी कर्मचारियों के वेतन से की जानी चाहिये. इसके साथ ही याचिकाकर्ता के पेंशन से वसूली आदेश जारी किये जाने के पूर्व उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत किये जाने का अवसर ना दिये जाने, इसके साथ ही अधिक भुगतान के संबंध में कोई जांच कार्यवाही ना किये जाने से याचिकाकर्ता के विरूद्ध जारी वसूली आदेश निरस्त किया जाने योग्य है. हाई कोर्ट ने मामले में याचिका स्वीकारते हुए जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने रिकवरी के आदेश पर रोक लगा दी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details