बिलासपुर: हाईकोर्ट ने दवा आपूर्ति के लिए अपात्र ठहराए गई कंपनी की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले में इसी महीने याचिका दायर की गई थी.
दस्तावेज जमा नहीं करने पर रद्द किया टेंडर
बिलासपुर: हाईकोर्ट ने दवा आपूर्ति के लिए अपात्र ठहराए गई कंपनी की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले में इसी महीने याचिका दायर की गई थी.
दस्तावेज जमा नहीं करने पर रद्द किया टेंडर
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) ने अस्पतालों में दवाओं की सप्लाई के लिए टेंडर जारी किया था. इसके लिए दिल्ली की रोहन बायोटेक नाम की कंपनी ने भी टेंडर जमा किया था. आवेदन के आधार पर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन ने कंपनी से निर्धारित अवधि के भीतर दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए थे. लेकिन तय अवधि के भीतर दस्तावेज नहीं जमा करने पर कॉर्पोरेशन ने कंपनी को टेंडर से अपात्र करार दे दिया. जिसके खिलाफ कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.
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सफाई का नहीं दिया गया अवसर: याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता कंपनी ने कोर्ट में कहा कि CGMSC ने इस मामले में उनका पक्ष ही नहीं सुना. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड ने इसका प्रतिरोध किया. याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.