बिलासपुर: 1 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार मामले में दायर रिट याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. मामले में दायर रिट याचिका को जनहित याचिका के रूप में सुना गया. जस्टिस प्रशांत मिश्रा और पीपी साहू की डिविजन बेंच ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. साथ ही मामले में सीबीआई को एक हफ्ते में FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने अपनी इन निर्देशों के साथ याचिकाकर्ता कुंदन सिंह ठाकुर की मामले में दायर याचिका को निराकृत कर दिया है.
क्या है पूरा मामला
मामला समाज कल्याण विभाग से जुड़ा है, जिसमें याचिकाकर्ता कुंदन सिंह ठाकुर की ओर से आरोप लगाया गया था कि राज्य स्त्रोत निःशक्त जन संस्थान केवल कागजों में बनाई गई है. इसमें याचिकाकर्ता और अन्य लोगों को कर्मचारी बताकर सभी भत्तों के साथ वेतन आहरित किया जाता था. इस जन संस्थान के माध्यम से निःशक्तजनों को प्रशिक्षण दिया जाना और उन्हें बेहतर जीवन उपलब्ध कराए जाने की कवायद की जाती थी, लेकिन यह सब कुछ कागजों में था. बीते दस सालों में इस संस्थान के माध्यम से अब तक एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है.