छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

प्लांट के राख नदियों में बहाने को लेकर एनटीपीसी को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का नोटिस - bilaspur news

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बालको और एनटीपीसी पावर प्लांट से निकलने वाले राखड़ को नदियों में बहाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. इस मामले में कोर्ट ने कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

chhattisgarh high court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

By

Published : Jun 29, 2020, 8:26 PM IST

बिलासपुर : कोरबा के बालको और एनटीपीसी पावर प्लांट से निकलने वाले राखड़ को हसदेव और सहायक नदियों में फेंके जाने के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर सोमवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य समिति एनटीपीसी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में हुई.

बता दें कि, मामले को लेकर याचिकाकर्ता देवेंद्र यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि सीपत ,कोरबा और बालको में स्थित पावर प्लांट्स से रोजाना लाखों टन राखड़ निकलता है, जिसे डैम बनाकर एक जगह रखकर अलग-अलग निर्माण क्षेत्र में उपयोग किया जाता है. बालको और एनटीपीसी के राखड़ बांध में भर गए हैं. जिसके बाद अब प्लांटों से निकलने वाले राखड़ को हसदेव और उनकी सहायक नदियों में बहाया जा रहा है. जिसकी वजह से नदियां प्रदूषित हो रही है.

नदियों में बढ़ रहा है प्रदूषण

कोरबा क्षेत्र में पावर प्लांटों की राख एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. कोरबा में एनटीपीसी और बालकों के अलावा कई निजी कंपनियां है. सभी कंपनियों का संयंत्र कोयले पर आधारित हैं. बिजली उत्पादन के लिए ,जहां हर दिन औसत 70 हजार टन से ज्यादा कोयले की खपत है. वहीं कोयले को जलाने के कारण हर साल इन उद्योगों से डेढ़ करोड़ मैट्रिक टन से अधिक राख निकलती है. जिसके कारण नदियों की प्रदूषित होने की विकराल समस्या उत्पन्न हो रही है.

पढ़ें:-लॉकडाउन में प्रभावित वकीलों के मामले में पक्षकार करें बैठक: हाईकोर्ट

एनटीपीसी को नोटिस
मामलेे पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य समेत एनटीपीसी और अन्य कंपनियों को नोटिस जारी किया है. मामले पर अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details