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रेडी टू ईट मामले में शासन और पक्षकारों को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

रेडी टू ईट केस (ready to eat case) में शासन के फैसले को चुनौती देने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. हाईकोर्ट ने इस केस में शासन और अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अब इस केस में 5 जनवरी 2022 को अगली सुनवाई होगी.

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Published : Dec 6, 2021, 7:16 PM IST

Updated : Dec 7, 2021, 2:15 PM IST

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट

बिलासपुर:रेडी टू ईट केस (ready to eat case) में शासन के फैसले को चुनौती देने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. इस केस में याचिकाकर्ता की तरफ से अंतरिम राहत की मांग की गई थी. 5 स्व सहायता समूह ने यह याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने इस केस में शासन और अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अब इस केस में 5 जनवरी 2022 को अगली सुनवाई होगी.

छत्तीसगढ़ सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित की जाने वाली रेडी टू ईट फूड को अब ऑटोमेटिक मशीनों से उत्पादन का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले से स्व सहायता समूहों की 20 हजार महिलाएं प्रभावित हो रही हैं. बीते 22 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. जिसको लेकर 5 स्व सहायता समूहों ने हाईकोर्ट की शरण ली है. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि सरकार के इस निर्णय में उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया. अब उनके सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है. स्वसहायता समूह ने हाइकोर्ट के माध्यम से मांग की गई है कि उनका रोजगार न छीना जाए.

राज्य सरकार रेडी टू इट को मैनुअली तैयार करने की बजाए इसे ऑटोमेटिक मशीनों से तैयार करने का निर्णय लिया है. स्वसहायता समूहों में इतना पैसा नहीं होता कि वे इस पौष्टिक फूड को तैयार करने के लिए महंगी मशीन खरीद सके. याचिकाकर्ताओं ने याचिका में बताया है कि सरकार के इस निर्णय से पूरे राज्यभर से 20 हजार महिलाओं का रोजगार छिन जाएगा और वह बेरोजगार हो जाएंगी.

Last Updated : Dec 7, 2021, 2:15 PM IST

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