छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Chhattisgarh High Court Decision: आपराधिक केस और विभागीय जांच एक साथ नहीं चल सकता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

Chhattisgarh High Court Decision छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर ने एक अहम फैसला सुनाया है. एक पुलिस इंस्पेक्टर की याचिका पर कोर्ट ने जांच से शुरू मामले में स्टे लगा दिया है. कोर्ट का कहना है कि एक ही मामले में दो जांच नहीं हो सकता

Chhattisgarh High Court Decision
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

By

Published : Jul 1, 2023, 10:48 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. जिसके तहत कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामला और विभागीय जांच एक साथ नहीं किया जा सकता है. बिलासपुर के पुलिसकर्मी राजेंद्र यादव ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया है. पुलिस इन्सपेक्टर की याचिका पर कोर्ट ने मामले में विभागीय जांच पर स्टे देकर याचिकाकर्ता को बड़ी राहत दी है.

क्या है पूरा मामला: यह केस बिलासपुर के पुलिसकर्मी राजेंद्र यादव से जुड़ा हुआ है. वह दुर्ग में पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. इस दौरान उनकी ड्यूटी के दौरान एक महिला ने शिकायत की थी. जिस पर अमलेश्वर थाने में एक आपराधिक केस दर्ज किया गया था. जिस न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने चालान प्रस्तुत किया गया था. कोर्ट की कार्रवाई के दौरान ही उनके खिलाफ दुर्ग एसपी ने विभागीय जांच शुरू कर दी. इस डिपार्टमेंटल जांच से परेशान होकर इंस्पेक्टर राजेंद्र यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर फैसला आया है.

अवैध प्लाटिंग मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता के खिलाफ सुनाया फैसला
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में स्मार्ट सिटी के मामले पर सुनवाई, टेंडर जारी करने की मिली अनुमति
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दिया नाबालिग रेप पीड़िता के अबॉर्शन के बाद भ्रूण सुरक्षित रखने का आदेश

कोर्ट के फैसले का यह आधार बना: इस केस में याचिकाकर्ता की तरफ से वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा एमपॉल एन्थनी बनाम भारत गोल्ड माइन्स लिमिटेड और अन्य मामलों में यह सिद्धान्त लागू नहीं किया गया है. यदि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया गया है और संबंधित विभाग द्वारा समान आरोपों पर विभागीय जांच की कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाती है. दोनों मामलों में अगर गवाह सेम है. तो ऐसी स्थिति में आपराधिक मामले में गवाहों का बयान सबसे पहले लिया जाना चाहिए. अगर विभागीय जांच कार्रवाई में सभी गवाह से सबूत और गवाही ले ली जाती है तो इससे कोर्ट में चल रहे मामले में असर पड़ेगा. यही वजह है कि हाईकोर्ट ने राजेंद्र यादव को राहत दी है. विभागीय जांच पर स्टे लगा दिया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details