बिलासपुर: अपने बच्चों की कस्टडी के लिए दर-दर भटक रही एक मां को आखिरकार न्याय मिल गया. जुड़वा बच्चों को मां के पास रखने का आदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को दे दिया है. दोनों बच्चे मां के पास ही रहेंगे और त्यौहार पर ही कमांडेंट पिता बच्चों से मिल सकेंगे. लंबे समय तक चले इस सुनवाई के बाद आखिरकार कोर्ट ने फैसला दे दिया और इस फैसले से एक मां को जीत मिल गई.
जरहाभाटा में रहने वाली टैरो कार्ड रीडर फरहा खान को दो जुड़वा बच्चें हैं. काफी समय पहले से फरहा खान का पीटीएस राजनांदगांव में कमांडेंट के पद पर तैनात इरफान उल रहीम खान से विवाद चला आ रहा था. इस विवाद की वजह से इरफान की पत्नी फरहा खान के पास बच्चे नहीं रह रहे थे. दोनों बच्चे इरफान खान के पास रह रहे थे. बच्चों को लेकर यह खींचतान लगातार बढ़ती रही.
साल 2016 से चल रहा था विवाद
मामला उलझता देख फरहा खान ने साल 2016 में बच्चों की कस्टडी के लिए कई जगह गुहार लगाई और भटकती रही. लेकिन उसे इंसाफ नहीं मिल पा रहा था. स्थानीय कोर्ट में ट्रायल के बाद बच्चों की कस्टडी का विवाद साल 2019 में हाईकोर्ट में पहुंचा. दोनों पक्षों की तरफ से सुनवाई पेश की गई. फरहा खान की वकील इंदिरा त्रिपाठी ने इस मामले में पैरवी की और जस्टिस गौतम भादुड़ी और रजनी दुबे की डिवीजन बेंच पीड़ित मां फरहा खान का पक्ष रखा.
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फरहा खान के पास रहेंगे दोनों बच्चे- हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर ने पूरी सुनवाई कर बच्चों की कस्टडी मां फरहा खान को देने का फैसला दिया है. कोर्ट ने बच्चों के पिता पुलिस अफसर इरफान खान को आदेशित करते हुए कहा कि बच्चों से महीने में एक बार घर पर वो मिल सकते हैं, और फोन पर बातचीत कर उनका हाल-चाल जान सकते हैं. इसके साथ ही त्यौहार में भी बच्चों से मिलकर परिवार के साथ वक्त गुजारने की छूट इरफान खान को प्रदान की गई है. कोर्ट के आदेश को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं
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दरअसल पूरा मामला दो शादियों की वजह से उलझ गया है. इरफान खान ने दो शादियां की थी. पुलिस अफसर इरफान उल रहीम खान की पहली पत्नी से कोई बच्चा नहीं होने पर उन्होंने दूसरी शादी फरहा खान से की थी. इरफान खान को फरहा खान से दो ट्विंस बच्चे हुए. शुरुआती दौर पर तो दोनों पत्नी, बच्चे और पुलिस अफसर इरफान खान एक साथ ही रहा करते थे. फिर उनके बीच आपसी तालमेल नहीं होने की वजह से इरफान खान दोनों पत्नियों को एक दूसरे से अलग कर खुद पहली पत्नी के साथ रहने लग गए. तब उनका ट्रांसफर कहीं और हो गया. पुलिस अफसर इरफान खान बिलासपुर छोड़ दूसरे जिले चले गए और दोनों बच्चों और पहली पत्नी को साथ ले गए, जबकि बच्चों की मां को बच्चों से अलग कर दिया. यह मामला लंबे समय तक अलग-अलग जगह चलता रहा. मामले की शिकायत पूर्व में महिला आयोग में भी की गई थी. लेकिन मामला नहीं सुलझा. उसके बाद अब हाईकोर्ट से फैसला आया है. जिसमें पीड़ित मां फरहा खान के पक्ष में कोर्ट ने फैसला सुनाया है.