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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूछा आदिवासियों में तलाक के क्या है नियम? पत्नी की याचिका पर उठा सवाल - Divorce case in Chhattisgarh High Court

High Court Asked Divorce Rules In Tribals छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने तलाक की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदिवासियों में तलाक के नियम की जानकारी कोर्ट को देने कहा. CG HighCourt asked divorce rules in tribals

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 26, 2023, 10:34 AM IST

Updated : Dec 26, 2023, 11:10 AM IST

बिलासपुर:कोरबा में रहने वाले पति-पत्नी के बीच आपसी संबंध बिगड़ने के बाद पत्नी ने पति से तलाक लेने के लिए याचिका दायर की थी. इस याचिका के माध्यम से पत्नी हिंदू मैरिज लॉ एक्ट के तहत तलाक चाहती थी, वही पति ने इस मामले में आदिवासी होने की बात कहते हुए हिंदू मैरिज लॉ एक्ट लागू नहीं होने की बात कही है. मामले में दोनों पक्ष के वकील तर्क प्रस्तुत कर रहे थे, इसी दौरान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस दीपक कुमार तिवारी के डीबी में यह सवाल खड़ा हो गया कि आखिर आदिवासी समाज में तलाक के क्या नियम होते हैं. मामले को लेकर पति के वकील ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार की अधिसूचना पर आदिवासी समाज में तलाक के मामले में हिंदू मैरिज एक्ट लागू नहीं होता, जिस पर जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कहा कि आखिर आदिवासी समाज में तलाक के क्या नियम है. मामले की अगली सुनवाई तक तलाक के नियम की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में तलाक का केस: बिलासपुर कोरबा जिले में रहने वाले आदिवासी दंपति के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. पति-पत्नी के बीच आपसी संबंध बिगड़ जाने के बाद पत्नी ने पति पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी लगाई थी. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद परिवार न्यायालय ने पत्नी की अपील खारिज कर दी और तलाक की अर्जी को ना मंजूर कर दिया था. पत्नी ने इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तलाक मांगी. याचिका में पत्नी ने हिंदू मैरिज एक्ट के तहत तलाक की मांग की है. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पति के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके क्लाइंट आदिवासी समाज से आते हैं और आदिवासी समाज में हिंदू मैरिज एक्ट के तहत तलाक का नियम नहीं है. आदिवासी समाज हिंदू समाज में नहीं आता और वह हिंदू समाज के तलाक के नियम से बाहरी होता है.

हाईकोर्ट ने आदिवासियों में तलाक के नियम पूछे: वकील के तर्क पर जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कहा कि आखिर आदिवासी समाज में तलाक के क्या नियम है? जस्टिस भादुड़ी ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या आदिवासी समाज में हिंदू मैरिज एक्ट लागू होता है? उन्होंने एडवोकेट को एक्ट की धारा पढ़ने के लिए कहा और साफ किया कि हिंदू मैरिज एक्ट के तहत इस प्रकरण में तलाक मंजूर नहीं किया जा सकता. सुनवाई के दौरान पति की ओर से तलाक की याचिका पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी. हाई कोर्ट की डबल बेंच ने स्पष्ट किया है कि अपील पर आपत्ति नहीं हो सकती. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से पूछा कि ट्राइबल में तलाक के क्या नियम है, इस पर जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फ्रेश याचिका दायर करने की भी छूट दी है.

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Last Updated : Dec 26, 2023, 11:10 AM IST

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