छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को क्यों लग रहा बिल के करंट लगने का डर?
electricity bill half scheme: छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ता परेशान हैं. दरअसल कांग्रेस के शासन काल में जो बिजली बिल हाफ योजना चल रही थी. बीजेपी सरकार में इस योजना के बंद होने का डर ग्राहकों को सताने लगा है.
बिलासपुर:छत्तीसगढ़ में सरकार बदल गई. नई सरकार बीजेपी बनाने जा रही है. हार से जैसे कांग्रेस के लोग मायूस हैं. उसी तरह से प्रदेश के बिजली उपभोक्ता भी थोड़े से उदास हैं. इनकी उदासी की वजह है. बिजली बिल हाफ योजना.
क्या है बिजली बिल हाफ योजना:कांग्रेस के शासनकाल में 400 यूनिट बिजली उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए बिजली बिल हाफ योजना चल रही थी. इसके योजना के तहत 400 यूनिट के अंदर बिजली की खपत करने पर उपभोक्ता को सिर्फ आधा बिल ही देना होता था. इस योजना से खासकर गरीब और मध्यवर्गीय परिवार को काफी राहत मिलती थी. उनका काम 400 यूनिट के भीतर ही चल जाता था और बिल की माफी मिल जाती थी.
"आम उपभोक्ता और सामान्य के साथ ही मध्यम वर्गीय और गरीब परिवार सभी को इस योजना का लाभ मिल रहा था, मुझे उम्मीद है कि आम जनता से जुड़े इस आवश्यक योजना को नई सरकार बंद नहीं करेगी, लेकिन इस बात की भी चिंता हो रही है कि, यदि यह योजना बंद हो जाएगी तो घर का बजट फिर कैसे बनाया जाएगा." काजल किरण कश्यप, बिजली उपभोक्ता
टेंशन की वजह क्या है: छत्तीसगढ़ में अब सरकार बदल गई है. लिहाजा ऐसे बिजली उपभोक्ताओं को ये चिंता सताने लगी है कि, कहीं अब अगले बिल से पूरा बिल का भुगतान न करना पड़े. सरकार बदलने के बाद बहुत सारी चीजें बदल जाती हैं. कई नई योजनाएं शुरू होती हैं, पुरानी योजनाएं बंद होती हैं. कुछ योजनाओं को वर्तमान सरकार अपनाती भी है.
बिल बिगाड़ देगा बजट: अगर इस योजना को बंद कर दिया गया तो लोगों का बजट बिगड़ जाएगा.
"400 यूनिट के अंदर बिजली खपत पर आधे बिल देने होते थे, लेकिन अब यह डर सताने लगा है की कही प्रदेश की नई सरकार इस योजना को बंद कर देगी तो बजट की स्थिति बिगड़ सकती है." मधु शर्मा, बिजली उपभोक्ता
बीजेपी के घोषणा पत्र में बिजली बिल का जिक्र नहीं: बीजेपी के घोषणा पत्र में बिजली बिल को लेकर कुछ भी जिक्र नहीं है. 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने बिजली बिल हाफ योजना की घोषणा की. इस बार 200 यूनिट तक फ्री बिजली देने का वादा किया था, लेकिन भाजपा ने ऐसा कोई वादा नहीं किया.
"यह योजना काफी अच्छी है और इससे आम उपभोक्ताओं को राहत भी मिली है. यदि भाजपा ने यह योजना बंद कर दी, तो मध्यवर्गीय और बीपीएल परिवारों को अधिक भार पड़ेगा. इस बात की भी चिंता है कि अभी तो ठंड का मौसम है इसलिए बिजली बिल काम आएगा, लेकिन गर्मी के समय अत्यधिक बिजली का उपयोग होने की वजह से भारी भरकम बिल आएगा. जिसे लेकर अभी से चिंता सताने लगी है." राजेश भागवत, बिजली उपभोक्ता
राज्य सरकार पर अतिरिक्त बोझ: छत्तीसगढ़ में 48 लाख बिजली उपभोक्ताओं को करीब 4300 करोड़ रुपए की छूट मिली है. ये छूट की राशि राज्य सरकारी बिजली विभाग को देती है.इस योजना के लागू होने से हर महीने करीब 300 से 900 रुपए तक की राहत उपभोक्ताओं को मिल जाती है.
"बिजली बिल हाफ योजना पर राज्य सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से निर्णय लिया था, और योजना को लागू किया था. योजना को खत्म किया जाना है तो भाजपा सरकार को इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाकर निर्णय लेना होगा, जो इतना आसान नहीं होगा." आरके जांगड़े, बिजली विभाग के सेवानिवृत अधीक्षण अभियंता
बिजली बिल का मुद्दा हर घर से जुड़ा है. इसीलिए नई सरकार के लिए इसे बंद करना इतना आसान नहीं होगा. अगर बीजेपी सरकार इस योजना को बंद करेगी तो कांग्रेस इसे मुद्दा जरूर बनाएगी.