बिलासपुर: अविभाजित बिलासपुर जिले का सबसे हॉट सीट कहलाने वाला मरवाही विधानसभा अब जोगी परिवार विहीन हो सकता है. जोगी परिवार से चुनाव लड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन हो गया है. वहीं उनके बेटे अमित जोगी का जाति मामला न्यायालय में लंबित है. इस वजह से अमित जोगी शायद ही यहां से चुनाव लड़ सकेंगे.
रेणु जोगी और ऋचा जोगी एसटी वर्ग से नहीं: इसी तरह कोटा विधायक रेणु जोगी और ऋचा जोगी दोनों ही आदिवासी समाज से नहीं हैं. मरवाही विधानसभा सीट एसटी के लिए रिजर्व सीट है. यही कारण है कि जोगी परिवार के समर्थक इस सीट को लेकर असमंजस में है. जोगी परिवार के समर्थक इस सीट से जोगी परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा चुनाव लड़ने की मंशा बहुत कम ही रख रहे हैं. क्योंकि कोर्ट के मामलों की वजह से अमित जोगी शायद ही यहां से चुनाव लड़ सकेंगे.
मरवाही विधानसभा का चुनावी गणित:मरवाही विधानसभा सीट ही एक ऐसी सीट है, जहां साल 2000 में राज्य बनने के बाद साल 2020 तक यानी 20 सालों में 6 बार चुनाव हो चुके हैं. यहां 5 बार जोगी परिवार के सदस्य ने जीत हासिल की है. छठवीं बार हुए चुनाव में जोगी परिवार से कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ा सका था. राज्य बनने के बाद अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बनें और वे अपने गृह विधानसभा मरवाही से 2001 में चुनाव लड़े. राज्य बनने के पहले साल ही मरवाही में उपचुनाव हुए थे, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भाजपा प्रत्याशी अमर सिंह को 51 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया था.