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एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के नाम पर 85 लाख रुपS की ठगी, पकड़ा गया अंतरराज्यीय ठग गिरोह - Additional SP Umesh Kashyap

एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के नाम पर कई लोगों से धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय ठग गिरोह के सदस्यों को बिलासपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी अब तक कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं.

Cheating of Rs 85 lakh
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

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Published : Dec 24, 2020, 2:09 AM IST

Updated : Dec 24, 2020, 9:59 AM IST

बिलासपुर: एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के नाम पर कई लोगों से धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश हो गया है. मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ पीड़ित तरुण साहू ने कोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. तीनों आरोपियों ने तीन लोगों से उनके बच्चों को मेडिकल में प्रवेश दिलाने के नाम पर करीब 82 लाख रुपए की ठगी की थी. बिलासपुर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी उमेश कश्यप ने बताया कि कोनी के रहने वाले तरुण साहू ने थाने पहुंचकर मेडिकल में प्रवेश दिलाने के नाम पर ठगी होने का शिकायत दर्ज कराई थी.

एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के नाम पर 82 लाख रुपये की ठगी

आरोपियों की धरपकड़ के लिए बनाई गई टीम

पूरे मामले की जानकारी SP को दी गई. जिसके बाद उन्होंने आरोपियों की धरपकड़ के लिए एक टीम का गठन किया. नोडल अधिकारी सीएसपी निमेष बरैया को बनाया गया. साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद कलीम की अगुवाई में टीम को दिल्ली रवाना किया गया. दिल्ली पहुंचने के बाद टीम के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित अलग-अलग शहरों में भी छानबीन की. इस दौरान टीम स्थानीय वेशभूषा में रहकर आरोपियों के पते-ठिकाने तलाशती रही. लिंक मिलने पर टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया. संयुक्त टीम ने दिल्ली, बरेली, गाजियाबाद, दिलशाद नगर में आरोपियों का ठिकाना तलाश करने के साथ-साथ मुंबई में भी स्थानीय टीम के सहयोग से आरोपियों की घेराबंदी की. इस दौरान पुलिस को तीन आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिली.

कोनी थाने में कराई गई शिकायत

मामले में बिलासपुर के कोनी निवासी रमेश साहू ने थाने में 22 लाख रुपए ठगी करने की शिकायत दर्ज कराई थी. रमेश ने बताया कि उनके भाई तरुण साहू 2 साल पहले मेडिकल कॉलेज में अपनी बच्ची के दाखिला के बारे में जानकारी लेने दिल्ली गए थे. उनके साथ रायगढ़ निवासी दीपक शर्मा भी थे. वहां दोनों की मुलाकात अरविंद सिंह से हुई. अरविंद सिंह ने खुद को जज का भाई बताया और उन्हें डॉक्टर रामाणी और दीपक चक्रवर्ती से मिलवाते हुए सरकारी नियमों के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी के मेडिकल सीट पर एडमिशन दिलाने की बात कही.

पढ़ें:एटीएम फ्रॉड गिरोह के दो और आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे, ठगे थे 12 लाख रुपये

नहीं हुआ छात्रों का एडमिशन

शुरुआत में तरुण साहू ने 34 लाख, दीपक शर्मा ने 3.5 लाख और उनके परिचित टाटानगर निवासी भागवत वर्मा ने अपने बच्चे के एडमिशन के नाम पर 15 लाख उनके बताए गए खातों में जमा करा दिए. लेकिन छात्रों का एडमिशन नहीं हुआ. जिसके बाद दीपक चटर्जी नाम के शख्स ने उनकी मुलाकात जॉनसन से करवाई. मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर उसने भी तरुण साहू से 25 लाख रुपए ले लिए. तरुण के परिचित से भी उसने 10 लाख ले लिए. इस तरह 82 लाख रुपए देने के बावजूद किसी भी छात्र का एडमिशन मेडिकल कॉलेज में नहीं हुआ.

कई राज्यों में सक्रिय थे आरोपी

बिलासपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों के पास से पांच मोबाइल और 5 लाख रुपए जब्त किए हैं. बताया जा रहा है की आरोपियों ने कई राज्यों में एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की है. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे लोग कई राज्यों में सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं.

  • पकड़ा गया आरोपी दीपक चटर्जी, उम्र 31 साल, दिलशाद नगर (दिल्ली) का रहने वाला है.
  • दूसरा आरोपी डॉक्टर जियाउल हक रहमानी उम्र 33 साल, इंदिरापुरम (गाजियाबाद) का रहने वाला है.
  • तीसरा आरोपी प्रभुदीप सिंह उर्फ अरविंद सिंह, शक्ति नगर, पीलीभीत (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है.
Last Updated : Dec 24, 2020, 9:59 AM IST

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