GST Fraud In Bilaspur: बिलासपुर में जीएसटी धोखाधड़ी के आरोप में बिजनेसमैन गिरफ्तार - नकली आईटीसी के जरिए लाभ
GST Fraud In Bilaspur बिलासपुर में जीएसटी में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. जीएसटी के इनपुट टैक्स में धोखाधड़ी के आरोप में एक व्यवसायी को गिरफ्तार किया गया है.
बिलासपुर में जीएसटी धोखाधड़ी
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Published : Aug 12, 2023, 6:26 PM IST
बिलासपुर/रायपुर: छत्तीसगढ़ में जीएसटी फ्रॉड का एक नया केस सामने आया है. इस बार करीब 10.14 करोड़ रुपये की जीएसटी धोखाधड़ी की गई है. फर्जी बिल जारी कर करीब 10.14 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट में घपला करने का आरोप लगा है. पुलिस ने इन गंभीर आरोपों के मद्देनजर बिजनेसमैन संजय शेंडे को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई शुक्रवार को की गई है.
कईं कपनियों के जरिए फर्जीवाड़े का आरोप: जीएसटी के अधिकारियों के मुताबिक बिजनेसमैन संजय शेंडे को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के तहत अरेस्ट किया गया है. इस मामले में और भी छानबीन की जा रही है. जीएसटी के अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि ज्योति ट्रेडिंग एंड कंपनी, क्लिफो ट्रेडिंग कंपनी, एसएस इंडस्ट्रीज और साई एंटरप्राइजेज कंपनियां जीएसटी का उल्लंघन कर रही है. कंपनी पर आरोप था कि वह इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाकर जीएसटी के बड़े पैमाने में चोरी में शामिल है.
"फर्जी चालान और अभियोजन सेल, सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क रायपुर के अधिकारियों ने इनके फर्मों के परिसरों पर छापा मारा.जांच में पता चला कि बिलासपुर निवासी संजय शेंडे, जो इन कंपनियों का मालिक है. कथित तौर पर फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने में शामिल था.आरोपियों ने नई दिल्ली स्थित 22 गैर-मौजूद फर्मों से आईटीसी में 10.14 करोड़ रुपये का लाभ उठाया और उपयोग किया. इन कंपनियों ने किसी भी सामान और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना नकली चालान तैयार किए"-मोहम्मद अबू समा, आयुक्त, सीजीएसटी, रायपुर
नकली आईटीसी के जरिए लाभ का आरोप: जीएसटी से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने अपनी जीएसटी देनदारी का भुगतान करने के लिए नकली आईटीसी से राशि का लाभ उठाया. उसका उपयोग किया.संजय शेंडे को रायपुर की एक अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है.
क्या होता है इनपुट टैक्स क्रेडिट ?: जीएसटी के जानकारों के मुताबिक इनपुट टैक्स क्रेडिट वह कर होता है. जिसके तहत जब एक व्यापारी उत्पादन के लिए माल खरीदता है. तो उसके लिए उसे पक्के बिल पर टैक्स अदा करनी पड़ती है. इस आधार पर वह जीएसटी का रिटर्न फाइल करता है. इनपुट टैक्स क्रेडिट की मदद से कोई भी व्यापारी अपने बिजनेस की टैक्स देनदारी को कम करता है. इस नियम का फायदा जीएसटी रिटर्न फाइल करते समय कोई भी बिजनेसमैन ले सकता है.