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विधानसभा में अच्छे प्रदर्शन के बाद भी इस सीट को नहीं बचा पाया BSP-JCCJ गठबंधन - बिलासपुर लोकसभा

बिलासपुर लोकसभा सीट में आए विशाल जनमत ने चुनावी जानकारों को चौंका दिया है. जानकर अब स्थानीय स्तर पर इस कैलकुलेशन में जुट गए हैं कि आखिर कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का अपना जनाधार खिसका कैसे. इन सबको देखते हुए यह साफ स्पष्ट हो रहा है कि गठबंधन के 3 लाख से अधिक वोटर भाजपा की ओर स्विंग हो गए. वहीं कुछ वोटर कांग्रेस की ओर भी गए.

राष्ट्रवाद और देशभक्ति था खास मुद्दा

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Published : May 26, 2019, 3:23 PM IST

Updated : May 26, 2019, 8:22 PM IST

बिलासपुर: पूरे देश में NDA के पक्ष में आए विशाल जनमत ने चुनावी जानकारों को चौंका दिया है. जानकर अब स्थानीय स्तर पर इस कैलकुलेशन में जुट गए हैं कि आखिर कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का अपना जनाधार खिसका कैसे. बिलासपुर की बात करें तो यहां न सिर्फ कांग्रेस पार्टी बल्कि स्थानीय स्तर पर मजबूत JCCJ-BSP गठबंधन भी अपने खिसकते जनाधार को लेकर चिंतित है.

विधानसभा में अच्छे प्रदर्शन के बाद भी इस सीट को नहीं बचा पाया BSP-JCCJ गठबंधन

जोगी कांग्रेस के वोट भी भाजपा को!
बता दें कि बिलासपुर लोकसभा सीट के लिए JCCJ-BSP गठबंधन को महज 21 हजार 180 मत मिले हैं जो कुल मत के महज करीब 1.7500 प्रतिशत हैं. हाल ही में जब विधानसभा चुनाव हुआ था तब JCCJ-BSP गठबंधन को तीन लाख 36 हजार से ज्यादा वोट मिले थे और जिले में कोटा, लोरमी सीट को JCCJ ने जीता था. इन सबको देखते हुए यह साफ स्पष्ट हो रहा है कि गठबंधन के 3 लाख से अधिक वोटर भाजपा की ओर स्विंग हो गए. वहीं कुछ वोटर कांग्रेस की ओर भी गए.

बिलासपुर लोकसभा सीट में JCCJ-BSP को विधानसभावार मत-
JCCJ-BSP गठबंधन को कोटा से 1 हजार 468 मत मिले.
JCCJ-BSP गठबंधन को लोरमी से 3 हजार 543 वोट मिले.
JCCJ-BSP गठबंधन को मुंगेली से 3 हजार 711 मत मिले.
JCCJ-BSP गठबंधन को तखतपुर से 2 हजार 36 वोट मिले.
JCCJ-BSP गठबंधन को बिल्हा से 2 हजार 412 मत मिले.
JCCJ-BSP गठबंधन को बिलासपुर से 750 वोट मिले.
JCCJ-BSP गठबंधन को बेलतरा से 2 हजार 392 मत मिले.
JCCJ-BSP गठबंधन को मस्तूरी से 4 हजार 776 वोट मिले.

पोस्टल वोट -
पोस्टल के माध्यम से गठबंधन को मात्र 92 वोट मिले हैं.

कुल मतदान-
बिलासपुर लोकसभा सीट के लिए JCCJ-BSP गठबंधन को महज 21 हजार 180 मत मिले हैं जो कुल मत के महज 1.7500 प्रतिशत के लगभग है.

राष्ट्रवाद और देशभक्ति था खास मुद्दा
चुनाव के पहले कुछ राजनीतिक जानकर बिलासपुर के संदर्भ में अनुमान लगा रहे थे कि यदि बिलासपुर में गठबंधन का वोट बिखरा भी तो कांग्रेस पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है, क्योंकि स्वयं मायावती और JCCJ प्रमुख अजीत जोगी ने राष्ट्रीय स्तर पर कथित साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने की बात कह चुके थे. लेकिन इन बातों का भी कोई प्रभाव नहीं हुआ और बम्पर रिजल्ट से यह स्पष्ट हो रहा है कि गठबंधन के वोट बैंक ने इस बार भाजपा को अपना समर्थन दिया है. ऐसे में जानकार अब सिर्फ इस निष्कर्ष पर पहुंच रहे हैं कि यह चुनाव एक प्रचण्ड मोदी लहर का चुनाव था, जिसमें राष्ट्रवाद और देशभक्ति जैसे मुद्दों ने पूरे देशभर में एक लहर बनाया, उसमें बड़ी और छोटी पार्टियां बहती चली गई.

Last Updated : May 26, 2019, 8:22 PM IST

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