बिलासपुर:हसदेव के जंगलों को कोयला खदानों के लिए आवंटित करने की तैयारी है. आवंटन के बाद कोयले के लिए खनन किया जाएगा, जिससे 9 लाखोें पेड़ों की कटाई की जाएगी. पेड़ों की कटाई का विरोध प्रदेश के कई हिस्सों में किया जा रहा है. ऐसे ही मामले बिलासपुर में एक अनूठी शादी में दूल्हा और दुल्हन ने तख्ती के माध्यम से हसदेव अरण्य को बचाने का संदेश दिया है. दूल्हा और दुल्हन ने मंच से हसदेव को बचाने की गुहार लगाकार अपनी शादी को भी विशेष बनाया है.
दूल्हा-दुल्हन के साथ बाराती ने भी दिया हसदेव बचाने का संदेश: तखतपुर क्षेत्र से बिल्हा क्षेत्र शादी के लिए बारात लेकर गए कौशिक परिवार ने हसदेव जंगल बचाने और जंगल के पेड़ों की कटाई के विरोध में अनूठे ढंग के प्रदर्शन किया. दूल्हा, दुल्हन ने मंच से हसदेव बचाने की गुहार लगाकार अपनी शादी को भी विशेष बनाया. गौरतलब है कि हसदेव जंगल को कटने से बचाने के लिए इसमें विभिन्न संगठन, वर्ग, पर्यावरण प्रेमी कार्य कर रहे हैं. हसदेव का मुद्दा इतना छाया हुआ है कि वह सड़क से सोशल मीडिया से लेकर शादी घर तक पहुंचने लगा है. यह शादी 11 मई को हुई थी. दूल्हा उमेश ने अपनी दुल्हन के साथ बाराती को भी हसदेव बचाने के संदेश को लेकर जागरुक किया, तो सब लोग इस कार्य के लिए राजी हो गए. दुल्हन ने भी दूल्हे की बात मानकर हसदेव को बचाने का संदेश दिया.
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6 हजार एकड़ का जंगल उजड़ेगा:पूरा मामला हसदेव अरण्य क्षेत्र में लाखों पेड़ काटकर उसमें कोयला खदान खोलने का है. परसा कोल ब्लॉक आवंटन हो चुका है. अब खदान खोलने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. जिसमे सबसे पहले 6 हजार एकड़ में फैला जंगल काट दिया जाएगा. लाखों पेड़ काटकर जंगल को कोयले की भट्ठी बना दिया जायेगा. जिससे सरगुजा और कोरबा की तपिश बढ़ जाएगी.