बिलासपुर: राजीव भवन (Rajiv Bhawan in Bilaspur) के लिए कांग्रेस को पुरानी बस स्टैंड की जमीन आवंटित की जा रही है. इस प्रस्ताव को बिलासपुर नगर निगम (Bilaspur Municipal Corporation) की सामान्य सभा में पास कर दिया गया है. इसकी स्वीकृति कैबिनेट से भी मिल गई है. लेकिन इतनी कीमती और यातायात के दबाव वाली जगह को कांग्रेस को दिए जाने पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही भूपेश बघेल ने हर जिले में राजीव भवन बनाने की घोषणा की थी. इसी कड़ी में बिलासपुर के पुराने बस स्टैंड की खाली पड़ी जमीन को राजीव भवन के लिए कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है और जल्द ही कांग्रेस जमीन लेने की सारी प्रक्रिया पूर्ण कर लेगी.
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कांग्रेस पार्टी यहां भव्य आलीशान सर्व सुविधा युक्त राजीव भवन का निर्माण करने की तैयारी शुरू करने वाली है. कांग्रेस ने पुराने बस स्टैंड की जमीन में लगभग 35 हजार 853 वर्ग फिट जमीन की मांग की है. तहसीलदार ने 22 फरवरी तक दाव आपत्ति मांगा है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिला प्रशासन, जमीन कांग्रेस पार्टी को हैंडओवर कर देगा. वहीं कांग्रेस ने इसके लिए पार्टीगत तैयारियां भी शुरू कर दी है. जिसके लिए फण्ड भी एकत्रित किया जाएगा. सब कुछ ठीक रहा तो कांग्रेस यहां राजीव भवन तैयार कर पार्टी गतिविधियां यहा से संचालित करेगी.
बेशकीमती है पुराने बस स्टैंड की जमीन
पुराना बस स्टैंड की जमीन बेशकीमती बताई जाती है. यहां जिस जगह कांग्रेस को जमीन एलाट की जाएगी. वह शहर के मुख्य स्थलों में से एक है. यहां सामने में राजीव प्लाजा है. जहां थोक और चिल्हर के कई सामग्रियों की दुकाने हैं. कई एकड़ में नगर निगम ने यहां डबल स्टोरी की बड़ी बड़ी दुकान तैयार कर लीज पर दे रखी है. जिससे निगम को करोड़ो रूपये का राजस्व प्राप्त होता है. हर माह भारीभरकम किराया भी वसूलती है, जो निगम का राजस्व बढ़ता है. इसके अलावा इस स्थान से 6 सड़के निकलती है. ऐसे में यह जमीन की मार्केट वैल्यू आंकी जाए तो कम से कम में भी 20 हजार स्क्वायर फीट के हिसाब से 71 करोड़ की जमीन होती है.
नगर निगम को होगा करोड़ों का नुकसान
नगर निगम अपनी जमीनों पर कॉन्प्लेक्स या दुकान बनाकर उसे लीज पर देती है और इससे निगम को भारी भरकम राजस्व प्राप्त होता है. हर माह निगम दुकानों से किराया भी लेती है. जिससे नियम को राजस्व मिलता मिलता है, यदि पुराना बस स्टैंड की जमीन को कांग्रेस को दे दिया जाएगा, तो भारी भरकम राजस्व का नुकसान होगा. ये जमीन मार्केट रेट के हिसाब से 71 करोड़ रुपए का होता है. लेकिन पार्टी और सोसाइटियों को जमीन एलाट किया जाता है तो शासकीय मूल्य पर 10 फीसदी रकम लेकर जमीन दे दी जाती है. अगर कांग्रेस भवन के दी जाती है तो कितना राजस्व का नुकसान होगा.