बिलासपुर:इंडियन रेलवे ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए ट्रेनों के साथ साथ अपने संस्थानों और अन्य स्थानों पर कई अच्छे कार्य किये है. लेकिन कुछ एक कार्य ऐसे हैं, जिससे यात्री परेशान होने लगे हैं. कुछ साल पहले रेल मंत्रालय ने यात्री ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाना शुरू किया था. अब लगभग सभी यात्री ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगा दिए गए हैं. लेकिन बायो टॉयलेट में मल का निस्तारण धीमी गति से होता है. इससे पूरे कोच में बदबू फैली होती है. इस गंदगी की वजह से यात्रियों को सफर करने में काफी परेशानी होती है. साथ ही टॉयलेट का उपयोग करने में हिचकिचाहट अलग होती है. गंदगी और बदबू की वजह से लोगों का बुरा हाल हो जाता है. bilaspur railway zone
रेल यात्रियों के लिए बायो टॉयलेट बना परेशानी का कारण, कब समस्या होगी हल
bilaspur railway zone भारतीय रेल जहां एक तरफ यात्रियो को सर्वसुविधा से लैस वंदे भारत, गरीब रथ और देश की कई अच्छी ट्रेनों का परिचालन कर रही है. वही कई ट्रेनों में दी गई सुविधाएं यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. यात्री ट्रेनों में दी गई सुविधाओं में ट्रेन के बाथरूम की गंध यात्रियों के लिये सबसे बड़ी परेशानी है. बाथरूम के बायो टॉयलेट से यात्रियों का बुरा हाल होता है. बायो टॉयलेट में जल्द मल निस्तारण की नहीं होने से पूरे कोच में बदबू और गंदगी रहती है. अब यात्री ट्रेन के बायो टॉयलेट का उपयोग करने से भी लोग बचने लगे हैं.
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यात्री ही करते हैं गंदा, अनावश्यक वस्तु डालने से होता है जाम:दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर साकेत रंजन ने बताया कि "बायो टॉयलेट की व्यवस्था पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए की गई है. यह काफी लाभकारी होता है. इसमें मल जाने के बाद इसका पूरा निस्तारण हो जाता है और बाहर केवल साफ पानी गिरता है. लेकिन यात्रियों के द्वारा इसमें आनावश्यक वस्तु डाल दी जाती है. जैसे सिगरेट, गुटका पाउच, शराब की बोतल इत्यादि डालने की वजह से यह चोक हो जाता है. इस वजह से टॉयलेट में गंदगी और बदबू फैलती है. उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि वे कोई भी ऐसा वस्तु ना डालें, जिसकी वजह से दूसरों को तकलीफ हो.