बिलासपुर:छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है. भगवान राम की मां कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ ही है. छत्तीसगढ़वासी भगवान राम को अपने भांजे के रूप में पूजते हैं. छतीसगढ़िया खुद को श्री राम का मामा कहते हैं. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के लोग राम मंदिर निर्माण और रामलाल की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी उत्साहित हैं. उनका उत्साह इतना ज्यादा है कि वह अब शहर की धरोहर और शहर के अन्य स्थान का नाम भगवान राम और सीता के नाम पर रख रहे हैं.
अंग्रेजों के जमाने का है पुल:बिलासपुर की जीवन दायिनी अरपा नदी में अंग्रेजों के जमाने के बने 100 साल से भी पुराने पुल का नाम अब रामसेतु हो गया है. ये पुल रामसेतु के नाम से जाना जाएगा. अरपा नदी पर बना यह पुल दशकों से राहगीरों को नदी के आर-पार जाने के काम आ रहा है. आज भी यह पहले की तरह मजबूत है. इस पुल को नगर निगम की ओर से रामसेतु नाम दिया जा रहा है. जहां एक ओर पूरे देश में राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साह है. वहीं, दूसरी ओर बिलासपुर में भी कई अलग-अलग समिति और आम जनता राम के धुन में रम गए हैं. इसके साथ ही राजनीतिक दल भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अपनी-अपनी ओर से कुछ ना कुछ ऐसा कर रहे हैं, जिससे उनके भगवान राम के प्रति श्रद्धा और भक्ति का वह परिचायक बन रहा है. पुराना पुल रामसेतु बनकर शहर के नागरिकों और राहगीरों के लिए नदी पार कराने का काम करेगा.