बिलासपुर : ट्रेनों के जरिए गांजा तस्करी के मामले पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ने लगे हैं. तस्कर गांजा तस्करी के लिए ट्रेनों को बड़ा सहज माध्यम मान रहे हैं. गांजा तस्करी सबसे ज्यादा ओडिशा रूट से आने वाली ट्रेनों से हो रही है. पहले की तुलना में ट्रेनों से गांजा तस्करी के मामले दोगुना हो गए हैं. ओडिशा, छत्तीसगढ़ रेल लाइन गांजा तस्करों का कॉरिडोर बनता जा रहा है. तस्करी में लगाम लगाने के लिए SECR और ओडिशा पुलिस अब संयुक्त रूप से काम कर रही है.
ओडिशा से आता है गांजा :गांजा तस्कर ओडिशा से गांजा लेकर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र तक तस्करी करते हैं. ओडिशा से गांजा तस्कर अब जनरल बोगी, स्लीपर के साथ ही ए सी फर्स्ट, सेकंड क्लास में भी सफर कर गांजा की खेप छत्तीसगढ़ पहुंचाते हैं. दरअसल स्टेट बॉर्डर और सड़क मार्ग में चौकसी बढ़ने के बाद गांजा तस्कर रेलवे को तस्करी के लिए सबसे सुरक्षित माध्यम मान रहे हैं.
बढ़े हैं तस्करी का मामला :पहले की तुलना में ट्रेनों से गांजा तस्करी में दोगुना इजाफा हुआ है. साल 2022 में रेलवे पुलिस ने करीब 800 किलो गांजा ट्रेनों से पकड़ा था, जिसमें 60 के लगभग मामले दर्ज कर 55 से ज्यादा तस्करों को गिरफ्तार भी किया गया है. साल 2023 में जनवरी के शुरु होने के साथ ही आंकड़ों में तेजी से इजाफा हुआ है. पिछले डेढ़ माह में ही करीब 200 किलो से भी ज्यादा गांजा ट्रेनों से बरामद किया जा चुका है, जिसमें 12 प्रकरणों में 16 से ज्यादा तस्कर गिरफ्तार भी हुए हैं. इसमें पुरुष के साथ ही महिला गांजा तस्कर शामिल हैं.
ओडिशा रूट की ट्रेनों में ज्यादा मामले आए सामने :ट्रेनों से गांजा तस्करी के अधिकांश मामले ओडिशा से जुड़े हुए हैं. इस रूट से आने वाली ट्रेनों का गांजा तस्कर सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. ओडिशा से हावड़ा मुंबई रेल लाइन गांजा तस्करों का कॉरिडोर बनता जा रहा है. छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश तक ट्रेनों के जरिए गांजा की तस्करी हो रही है. पुलिस की कार्रवाई से बचने गांजा तस्कर बकायदा रेल यात्री की तरह रिजर्वेशन कराकर एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों से गांजा की तस्करी कर रहे हैं.