बिलासपुर: छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 19 साल 7 महीने बाद आखिरकार पुलिस को प्रतीक चिन्ह मिल गया है. इसकी जानकारी गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने 2 जुलाई को ट्वीट कर दी थी. इसी कड़ी में मंगलवार को जिले के सभी थाने के कर्मचारियों को प्रतीक चिन्ह (insignia) का वितरण किया गया है. इसके साथ ही बिलासपुर पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक सहित सभी अधिकारियों ने प्रतीक चिन्ह को धारण किया. बता दें कि साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद प्रदेश के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा यह प्रतीक चिन्ह धारण नहीं किया जा रहा था. छत्तीसगढ़ की विशिष्टताएं और विविधताओं को समाहित कर राज्य पुलिस ने प्रतीक चिन्ह को पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी के मार्गदर्शन में तैयार किया है.
दरअसल इस प्रतीक चिन्ह में ढाल, ढाल का सुनहरा बॉर्डर, अशोक चिन्ह, सूर्य रूपी प्रगति चक्र, बाइसन हॉर्न बना हुआ है. साथ ही इस पर 'परित्राणाय साधुनाम' लिखा हुआ है. वहीं प्रतीक चिन्ह में 2000 राज्य गठन का वर्ष उल्लेखित है. ढाल का रंग गहरा नीला है, जो अपार धैर्य, सहनशक्ति, जिजीविषा, संवेदनशीलता और गंभीरता का प्रतीक है. बता दें कि बिलासपुर पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा ने सबसे पहले अपनी वर्दी पर छत्तीसगढ़ पुलिस के प्रतीक चिन्ह को लगाया. उसके बाद उन्होंने जिले के कप्तान प्रशांत अग्रवाल के कंधों पर यह प्रतीक चिन्ह लगाया. बता दें कि राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस प्रतीक चिन्ह को सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी वर्दी में कंधे पर लगाए जाने के लिए निर्देशित किया है.