बिलासपुर : जिले का तखतपुर विधानसभा कई सालों से अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. बिजली विभाग से लेकर जल विभाग तक यहां मनमानी और लापरवाही लगातार चल रही है.
बिजली विभाग से लेकर जल विभाग तक यहां मनमानी और लापरवाही लगातार चल रही है. तखतपुर जनपद क्षेत्र के परसाकांपा पंचायत के आश्रित ग्राम चुलघट में भागीरथी नल-जल योजना के तहत लगभग 15 लाख के सरकारी योजना का हाल बेहाल है. चार सालों बाद भी यहां भागीरथी नल-जल योजना का पानी अंतिम घर तक नहीं पहुंच सका है.
बिजली विभाग को दिया दो लाख का चेक
भागीरथी नल-जल योजना के तहत PHE विभाग के कर्मचारी एसपी साकेत ने नल कनेक्शन लगाते समय चर्चा में बताया था कि विभाग ने भागीरथी नल-जल योजना चुलघट के लिए तखतपुर बिजली विभाग के ईई फनेश्वर यादव को ट्रांसफार्मर के लिए दो लाख का चेक पास करने की बात कही थी, लेकिन अब तक गांव में नल-जल योजना के लिए ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया.
कुछ दिनों के बाद ईई से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि एक माह पहले उनका ट्रांसफर दूसरी जगह हो गया है.
पंप मैकेनिक को नहीं मिले सुधार के पैसे
पंप मैकेनिक सुरेश कश्यप ने बताया कि पिछले दो महीने के पंप सुधारने का पैसा अब तक नहीं दिया गया है. पंचायत खाते में राशि नहीं होने से पैसे न मिलने की बात सामने आई है.
ग्राम पंचायत सचिव को नहीं है जानकारी
विभाग ने परसाकांपा ग्राम पंचायत को बिजली बिल भेजा है, जिसमें ग्राम पंचायत ने अब तक दो लाख पचास हजार रुपये नहीं अदा किए हैं. वहीं ग्राम पंचायत परसाकांपा के सचिव परसराम मंडावी ने बताया कि, 'मुझे ट्रांसफार्मर के विषय में कोई जानकारी नहीं है.'
लगा है परेशानियों का ढेर
⦁ चुलघट गांव में भागीरथी नल-जल योजना में लकड़ी के खंभों का उपयोग कर लगभग 500 मीटर की दूरी से पेड़ पौधों के बीच तार लटकाकर बिजली का टेम्पररी कनेक्शन लिया गया है.
⦁ दूसरे पम्प हाउस का कनेक्शन सुरक्षित सप्लाई के अभाव में बार-बार खराब होने से वर्तमान में सुधार करने के लिए भेजा गया है.
⦁ गांव के आखिरी घर तक भागीरथी नल-जल योजना के लिए गांव के ही एक छोर में एक ट्यूबवेल और लगभग 3 एचपी के मोटरपम्प लगे हैं, लेकिन पर्याप्त बिजली की सप्लाई नहीं होने से बार-बार खराब होने की शिकायत है.
⦁ वहीं दूसरी तरफ पुराने हैंडपम्प में मोटरपम्प फिट कर काम चलाया जा रहा है.
⦁ बिजली विभाग के दिए गए सारे हेल्पलाइन नंबर भी काम नहीं कर रहे है, फिर वो चाहे किसी अधिकारी का नंबर हो या विभाग के किसी कर्मचारी का.