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Bilaspur Paddy procurement: धान खरीदी की कैसी हैं तैयारियां, जानिए - धान खरीदी केन्द्र पर कंट्रोल रूम की व्यवस्था

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रक्रिया (Paddy procurement in Chhattisgarh) 1 दिसंबर से शुरू होने वाली है, जिसे लेकर प्रशासन ने धान खरीदी केन्द्रों (Paddy Purchase Center) पर तैयारियां पूरी कर ली है. बिलासपुर में धान खरीदी (Bilaspur Paddy procurement ) केन्द्रों पर भी प्रशासन ने तैयारियां पूरी (Paddy procurement preparations) कर ली है.

Bilaspur Paddy procurement
बिलासपुर में धान खरीदी की तैयारियां

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Published : Nov 27, 2021, 4:55 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी की प्रक्रिया (paddy procurement in Chhattisgarh) शुरू होने वाली है. जिला प्रशासन ने शासन से आये दिशा-निर्देश के अनुसार तैयारियां पूरी कर (Paddy procurement preparations)ली है. ऐसे में बिलासपुर में भी धान खरीदी(Bilaspur Paddy procurement ) केन्द्रों पर प्रशासन ने (Paddy Purchase Center) तैयारियां पूरी कर ली है.दरअसल, इस वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य (paddy procurement target) भी पिछले साल की तुलना में अधिक है. साथ ही किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, तो मध्यप्रदेश का सीमावर्ती जिला होने के कारण अवैध धान किसी भी हाल में छत्तीसगढ़ ना पहुंचे इसके लिए भी प्रशासन ने कमर कस ली है.

धान खरीदी केन्द्र पर कंट्रोल रूम की व्यवस्था

धान खरीदी के दौरान असुविधा शिकायत परेशानी होने पर कन्ट्रोल रूम की व्यवस्था की गई (Arrangement of control room at paddy procurement center) है, ताकि किसी भी प्रकार से धान बेचने में किसान को परेशानी ना हो. इसके लिए जिला कलेक्टर ने धान खरीदी की तैयारियों को लेकर पत्रकारों बातचीत कर जानकारी भी ली है. समर्थन मूल्य पर 2021 - 22 सत्र का धान खरीदी की 1 दिसंबर से शुरूआत होने जा रही है. जिसके लिए जिला प्रशासन भी मुस्तैद है और धान खरीदी से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है.

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इस बात की जानकारी जिले की कलेक्टर ने दिया

उक्त मसले की जानकारी देते हुए जिला कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि मध्यप्रदेश से लगा हुआ जिला होने के कारण 15 नवंबर से ही बॉर्डर में प्रशासन के लोग बैठ गए है. मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ की ओर आने वाले मालवाहक वाहनों की जांच की जा रही है, ताकि किसी भी हाल में अवैध धान छत्तीसगढ़ में ना आ सके. वहीं, प्रशासन ने अवैध धान की सूचना और कार्यवाही के लिए 8 टीमें भी बनाई है. साथ ही निगरानी नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है. जहां पर हर प्रकार की शिकायत पर कार्यवाही की जाएगी.

इस साल पिछले साल से है इतना अंतर

वही पिछले साल 14779 किसानों का 25931.72 हेक्टेयर रकबे का पंजीयन हुआ था, जो इस वर्ष बढ़कर 19341 किसानों का 27934.69 हेक्टेयर का पंजीयन हुआ है. जो कि पिछली बार की तुलना में अधिक है. साथ ही पिछले वर्ष 74907.24 टन था, जो इस बार लक्ष्य रखा गया है... वो 85469.60 मेट्रिक टन का है. वही पिछले वर्ष जिले में 17 धान उपार्जन केंद्र थे, तो इस वर्ष एक धान उपार्जन केंद्र और बनाया गया है, जो अब 18 उपार्जन केंद्र जिले में हो जाएंगे. वहीं प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि शासन से जो भी धान खरीदी के लिए गाइडलाइन (Paddy Purchase Guidelines) आई है. उस अनुसार तैयारियां की गई है. ऐसे में किसानों को किसी भी प्रकार से परेशानी नहीं होगी. साथ ही कोविड वेक्सिनेशन की दोनों डोज वाले किसानों के धान पहले खरीदी किये जाने की भी बात कही है. साथ ही धान खरीदी के तुरंत बाद ही धान का उठाव किये जाने की तैयारी है, ताकि उपार्जन केंद्रों में धान क उठाव की वजह से खरीदी प्रभावित न होने पाए.

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