बिलासपुर में निर्दलीय प्रत्याशी महिला ई रिक्शा चालक का नामांकन रद्द, दी ये चेतावनी
Bilaspur Nomination canceled:बिलासपुर की हीरा कश्यप महिला ई रिक्शा चालक हैं. ये ई रिक्शा चालकों की समस्याओं को दूर करने के लिए चुनाव लड़ना चाह रही थी. लेकिन नामांकन रद्द होने के बाद अब बड़ी चेतावनी दे रही हैं.
निर्दलीय प्रत्याशी महिला ई रिक्शा चालक का नामांकन रद्द
बिलासपुर:छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. दोनों चरणों के मतदान को लेकर उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल किए जा चुके हैं. नामांकन प्रक्रिया ने हुई त्रुटियों के कारण कईयों का नामांकन रद्द कर दिया गया है. बिलासपुर में भी एक महिला उम्मीदवार का नामांकन रद्द किया गया है. ये महिला प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल की थी. हालांकि इनका नामांकन रद्द कर दिया गया है. नामांकन रद्द की जानकारी के बाद महिला का दर्द छलक पड़ा और आंसू निकल पड़े.
बिलासपुर में निर्दलीय प्रत्याशी का नामांकन रद्द: दरअसल, बिलासपुर में महिला ई रिक्शा चालक ने बिलासपुर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया था. वो ई रिक्शा चालकों को होने वाली समस्या और आवश्यक सुविधाएं न मिलने को लेकर चुनाव लड़ना चाह रही थी. हालांकि उसका नामांकन रद्द हो गया. बिलासपुर के चिंगराजपारा में रहने वाली महिला ई रिक्शा चाचल हीरा कश्यप ई रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करती है. वह सुबह से लेकर शाम तक ई रिक्शा चलाकर कुछ पैसे कमाती है. उसी पैसे से परिवार चलाती है. ई रिक्शा चालकों की आर्थिक समस्या को खत्म करने के लिए वो चुनावी मैदान में उतरी तो थीं, लेकिन हीरा का नामांकन किसी कारणवश रद्द कर दिया गया है.
दोनों सरकार ने नहीं किया वादा पूरा: नामांकन रद्द होने से महिला ई रिक्शा चालक हीरा कश्यप के आंसू निकल पड़े. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि, "ई रिक्शा चालकों को कई तकलीफों का सामना करना पड़ता है. स्मार्ट सिटी के तहत उन्हें फ्रीचार्जिंग पॉइंट तैयार करके दिया गया है. लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव है. हमें चार्जिंग पॉइंट एक दिया गया है, जबकि सैकड़ों ई रिक्शा चालक यहां चार्जिंग करने आते हैं. इस कारण सही समय पर चार्जिंग पॉइंट नहीं मिल पाता है. देरी होने पर यात्री नहीं मिलते. इसके अलावा ई रिक्शा चालकों को दोनों ही सरकारों ने यह वादा किया था कि ई रिक्शा खरीदने पर सब्सिडी दी जाएगी. हालांकि सरकारी बैंक उन्हें लोन नहीं देती और निजी बैंक में सरकार सब्सिडी नहीं देती. यही वजह है कि अधिक पैसा देकर ई रिक्शा खरीदना पड़ता हैं. इसके अलावा बहुत कम जगह पर ही ई रिक्शा के लिए स्टैंड तैयार किया गया है. रेलवे स्टेशन उन्हें जाने नहीं दिया जाता. इस पर जिला प्रशासन भी उनकी मदद नहीं करती. यही कारण है कि मैं चुनाव लड़कर अपने साथियों के लिए व्यवस्था करना चाहती थी."
मैं चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन उसके पास नामांकन के लिए पैसे नहीं थे. अपने ई रिक्शा चालक साथियों से 10, 20, 50 और 100 रुपए चंदा इकट्ठा कर 10 हजार रुपए जमा किए थे. साथियों ने खुशी से ये पैसा दिया था कि मैं चुनाव लड़ूंगी. लेकिन मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया है.-हीरा कश्यप, ई-रिक्शा चालक
नोटा में वोट करने की दी चेतावनी: बताया जा रहा है कि बिलासपुर में लगभग 5000 ई रिक्शा चालक हैं. सभी जिले के अलग-अलग विधानसभा में निवास करते हैं. नामांकन रद्द होने से रिक्शा चालक नाराज हैं. सभी रिक्शा चालक इस चुनाव का का विरोध करने की चेतावनी दे रहे हैं. साथ ही नोटा में बटन दबाकर अपना विरोध दर्ज करने की बात कह रहे हैं.