India Independence Day 2023 : बिलासपुर में हाथों से तिरंगा बनाकर निशुल्क बांट रही संस्था, आजादी का महत्व समझाना है लक्ष्य - Chhattisgarh Independence Day 2023
India Independence Day 2023 बिलासपुर में जंगल मितान नाम की संस्था तिरंगा झंडा तैयार करके लोगों को निशुल्क बांटती है. इस काम के लिए संस्था किसी से पैसा नहीं लेती. संस्था के मुताबिक वो इस काम को करके देशभक्ति और आजादी के महत्व को लोगों को समझाना चाहते हैं.
बिलासपुर में हाथों से तिरंगा बनाकर लोगों को बांट रही संस्था
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Published : Aug 14, 2023, 9:22 PM IST
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Updated : Aug 14, 2023, 10:48 PM IST
बिलासपुर में हाथों से तिरंगा बनाकर लोगों को बांट रही संस्था
बिलासपुर : पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है. छत्तीसगढ़ में भी आजादी का पर्व मनाने की तैयारी अंतिम चरणों में है. बाजार तिरंगे झंडों से सज चुके हैं.बिलासपुर में भी आजादी का पर्व मनाने के लिए हर हिंदुस्तानी बेकरार है.वहीं आजादी के पर्व में कई सामाजिक संगठन भी अपने-अपने तरीके से जश्न की तैयारी कर रहे हैं. इसी कड़ी में बिलासपुर की जंगल मितान समूह की महिलाओं ने अनोखा कार्य किया है. समूह की महिलाएं अपने हाथों से तिरंगा झंडा बनाकर निशुल्क वितरण कर रही हैं.संस्था का मकसद लोगों को आजादी का महत्व समझाना है.
खुद तिरंगा सिलकर निशुल्क वितरण : जंगल मितान समूह की महिलाएं तिरंगा झंडा की सिलाई कर लोगों को बांट रही हैं.यह संस्था देश भक्ति की अलख जगाने तिरंगा का निशुल्क वितरण कर रही है. ताकि सभी देशवासी तिरंगा और आजादी के महत्व को समझ सके. संस्था की महिलाए 9 अगस्त क्रांति दिवस से लेकर स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त तक तिरंगा की सिलाई करती हैं. इसके बाद तिरंगों को निशुल्क बांटती है.
कपड़े पर अशोक स्तंभ की छपाई करवाकर सिलती है तिरंगा :जंगल मितान के संस्थापक चंद्र प्रदीप बाजपेई के मुताबिक उनकी संस्था पॉलिथिन मुक्त भारत की संकल्पना को साकार करने में जुटी है. संस्था पॉलिथिन की बजाए कपड़े के बैग की सिलाई करती है. कपड़े के बैग को संस्था लोगों को निशुल्क बांटती है. वहीं तिरंगा बनाने के लिए संस्था पहले सफेद कपड़े में अशोक स्तंभ का चिन्ह छपवाती हैं. इसके बाद तीनों रंगों के कपड़े को जोड़कर सिलाई कर तिरंगा तैयार किया जाता हैं.
''संस्था की महिलाएं इस काम को 2017 से कर रही हैं. महिलाएं भी निशुल्क काम करके लोगों को झंडा बांटती हैं. संस्था लोगों को झंडा देने के दौरान बस एक ही अपील करती है कि संविधान में दिए गए झंडा फहराने के नियम का पालन कर आन, बान और शान से झंडा फहराकर सलामी दें.'' चंद्र प्रदीप वाजपेयी, संस्थापक, जंगल मितान समूह
संविधान के नियमों के मुताबिक ध्वजारोहण कर तिरंगा का करें सम्मान :भारत को आजादी मिले 75 साल से भी ज्यादा हो गए हैं. लेकिन देश प्रेम का जज्बा आज भी लोगों के अंदर से खत्म है.आजादी के लिए लाखों शहीदों ने अपना खून बहाया. इसी बात का महत्व समझाने के लिए जंगल मितान समूह की महिलाएं काम कर रहीं हैं. संस्था की महिलाएं अपने पैसों से झंडे के लिए कपड़ा खरीदती हैं. फिर उसे सिलाई कर निशुल्क बांटती हैं. साथ ही लोगों से आग्रह करती हैं कि झंडे के सम्मान के साथ संविधान में दिए नियमों के अनुसार ध्वजारोहण कर सलामी दें.
संस्था को मिलती है संतुष्टि होता है गर्व :इस काम में कपड़े खरीदने और अशोक स्तंभ की छपाई में पैसे लगते हैं. लेकिन संस्था इस पुण्य काम को करने के लिए खुद ही पैसा खर्च करती है. संस्थापक की माने तो लोगों के अंदर देश प्रेम का जज्बा जगाने के लिए किए गए कार्य में नुकसान नहीं होता.बल्कि आत्म संतुष्टि मिलती है. देशवासियों को संस्था सिर्फ इतना समझाना चाहती है कि जिस आजादी के पर्व को हम मना रहे हैं,उसके पीछे कितना संघर्ष किया गया है.स्वतंत्रता दिवस के बाद संस्था निशुल्क झोले बनाकर लोगों को निशुल्क वितरण करती है.ताकि पर्यावरण को प्लास्टिक फ्री बनाया जा सके.