Bilaspur High Court: सकरी में कचरा डंप करने का मामला, हाई कोर्ट ने कहा-निगम को कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा - नगर निगम रायपुर
Bilaspur High Court रायपुर के सकरी में नगर निगम की ओर से कचरा डंप करने से पूरा पहाड़ बन गया है. कचरे से निकलने वाले गंदे पानी से आसपास की जमीन का भूजल खराब हो चुका है. यहां कई किलोमीटर तक हवा में गंध रहती है. इसे लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर निगम रायपुर से जवाब मांगा है.
सकरी में कचरा डंप करने का मामला
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Published : Jul 19, 2023, 7:43 PM IST
बिलासपुर:रायपुर के सकरी में नगर निगम की ओर से किए जा रहे कचरा डंप को लेकर बुधवार को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई. इस दौरान कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यहां पर 600 लोग रहते हैं. कचरा डंप मामले में कुछ तो करना पड़ेगा. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच ने नगर निगम रायपुर को 2 सप्ताह में नया शपथ पत्र देने के लिए नोटिस जारी किया है.
नोटिस जारी कर कोर्ट ने मांगा जवाब:रायपुर नगर निगम को हाईकोर्ट ने सकरी में कचरा डंप करने के मामले में नोटिस जारी किया है कोर्ट ने कहा कि यहां कचरा डंप होता है और 600 लोग रहते हैं कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा और इस मामले में नोटिस जारी कर कोर्ट ने जवाब तलब किया है. साल 2019 में जब नगर निगम ने रायपुर के सकरी में कचरा डंप करना चालू किया था, तब सकरी निवासी अधिवक्ता ब्यास मुनि दिवेदी, तिहाऊराम सिन्हा, नेमीचंद धीवर, विजय साहू, श्रीमती कमलेश्वरी सिन्हा, श्रीमती संतोषी पप्पू बंजारे ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई.
कचरा डंप करने का लोगों ने किया था विरोध:निगम की ओर से कचरा डंप करने का स्थानीय लोगो ने विरोध भी किया था, तब वेस्ट टू एनर्जी प्लांट चालू नहीं हुआ था. याचिका में बताया गया था कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत कचरा डंप करने का प्रावधान ही नहीं है. सकरी में नगर निगम को सिर्फ वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने की अनुमति मिली है, कचरा डंप करने की अनुमति नहीं. नगर निगम सकरी में जो वेस्ट टू एनर्जी का प्लांट लगा रहा है उसकी क्षमता इतनी नहीं है कि वह रायपुर शहर का कचरा निष्पादित कर सके.
साल 2019 से डंप किया जा रहा कचरा:2019 से लेकर 2023 तक सकरी में कचरा डाला गया है. इसकी वजह से यहां कचरे का पहाड़ बन गया है. कचरे पर डोज़र चला कर उसे कॉम्पेक्ट किया जाता है. कचरे से निकलने वाले गंदे पानी से आसपास की जमीन का भूजल खराब हो चुका है. यहां कई किलोमीटर तक हवा में गंध रहती है. स्थानीय रहवासियों को बदबू सहना पड़ता है. कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं. बच्चे बूढ़े सबसे जयादा प्रभावित है. यहां बड़े बड़े बिल्डर्स कालोनिया बना रहे हैं. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि लोगो के अंदर अब आक्रोश बढ़ता जा रहा है और वह आंदोलन की राह पर चलने को मजबूर हो रहे हैं. कोर्ट ने रहवासियों की तकलीफ को समझा और निगम को नोटिस जारी कर जल्द लोगो को इससे छुटकारा दिलाने का आदेश जारी किया है.