बिलासपुर:ये तो आप सभी जानते होंगे कि मां वैष्णो देवी जम्मू में विराजमान हैं. जम्मू के ऊंचे पर्वतों पर मां के भक्त जाकर माता के दर्शन करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि छत्तीसगढ़ में भी मां वैष्णों का दरबार है. जी हां, हम बात कर रहे हैं बिलासपुर के मां वैष्णो देवी मंदिर की. यहां पिण्डी रूप में विराजी मां हर भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं.
बिलासपुर में विराजी मां वैष्णो: बिलासपुर से सात किलोमीटर दूर शहर से सटे नागोई गांव में मां वैष्णो देवी विराजमान हैं. इस मंदिर की खासियत यह है कि ये मंदिर हूबहू वैष्णो देवी मंदिर के तरह है. जिस तरह वहां गुफा में वैष्णो देवी विराजमान हैं. ठीक उसी तरह यहां भी गुफा बनाकर वैष्णो देवी को स्थापित किया गया है.पूरे मंदिर को लगभग 2000 वर्ग फुट में तैयार किया गया है. मंदिर में वैष्णो देवी के पिंडी के साथ ही नवदुर्गा, द्वादश ज्योतिर्लिंग, गणेश, कार्तिक, बजरंगबली के साथ ही भैरव बाबा भी विराजमान हैं.
कटरा से लाई गई है तीनों पिंडी: नागोई गांव के वैष्णो मंदिर में देवी मां की तीनों पिंडियां कटरा से लाई गई है. तीनों पिंडी को देवी सरस्वती, देवी लक्ष्मी और मां काली के रूप में विराजमान किया गया है. मंदिर में पिंडियों के ऊपर मां का प्रतीकात्मक मुकुट और छतरी लगाया गया है. पूरे मंदिर को जम्मू के मां वैष्णो मंदिर का रूप दिया गया है. देवी को गुफाओं के बीच स्थापित किया गया है. ताकि यहां आने वाले भक्तो को मंदिर में विराजी वैष्णव देवी के मूल मंदिर का अहसास हो सके.
जम्मू के कारीगर ने तैयार किया मंदिर:बिलासपुर के मां वैष्णो देवी मंदिर का निर्माण 5 साल पहले शुरू किया गया था. यहां जम्मू कश्मीर के कारीगर आ कर मंदिर निर्माण किए हैं. लगभग 5 साल तक मंदिर का निर्माण कार्य चलता रहा. कुछ ही दिनों में मंदिर की ख्याति इतनी बढ़ गई है कि लोग अब रोजाना यहां आने लगे हैं. मंदिर का हर एक हिस्सा वैष्णो देवी मंदिर के तरह बनाया गया है. ताकि भक्तों को यहां आने पर वैष्णो देवी के मूल मंदिर का एहसास हो सके. यहां भी पहाड़ों के बीच गुफा में देवी मां विराजमान हैं.