Chhattisgarh High Court :सब इंस्पेक्टर भर्ती मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई, राज्य सरकार को गड़बड़ियां दूर करने के निर्देश
Chhattisgarh High Court छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सब इंस्पेक्टर भर्ती मामले में गड़बड़ी दूर करने निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं.आपको बता दें कि इस भर्ती में पूर्व सैनिकों से आवेदन तो मंगवाए गए लेकिन भर्ती में उन्हें लाभ नहीं दिया गया.वहीं बिना आरक्षित सीटों के महिलाओं की सीधी भर्ती की गई.
सब इंस्पेक्टर भर्ती मामले में हाईकोर्ट का निर्देश
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Published : Aug 19, 2023, 1:55 PM IST
बिलासपुर :छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर भर्ती प्रक्रिया को लेकर कई अलग-अलग याचिकाएं लगाई गई है. इन याचिकाओं में भर्ती प्रक्रिया और पूर्व निर्धारित रियायत सहित कई अलग-अलग तर्क के साथ याचिका पेश की गई है. सभी याचिकाओं में एक साथ सुनवाई की जा रही है.
गृह विभाग से मांगा गया जवाब :इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को भर्ती प्रक्रिया में पहले की गई कई गलतियां को लेकर निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने माना कि भर्ती प्रक्रिया में विसंगति हुई है,लिहाजा राज्य सरकार को इन विसंगतियों को दूर करने के निर्देश देते हुए गृह विभाग से जवाब मांगा गया है.ताकि चयन प्रक्रिया के संचालन के दौरान होने वाली विसंगति और खामियां दूर हो सके. इस मामले में अगली सुनवाई हाईकोर्ट ने 23 अगस्त को निर्धारित की गई है.
क्या है भर्ती में दिक्कत ? : राज्य शासन ने प्लाटून कमांडर, सब इंस्पेक्टर, सूबेदार के 975 पदों के लिए 24 जुलाई 2021 को गजट में भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. इस भर्ती प्रक्रिया में 97 पद पूर्व सैनिकों के लिए आमंत्रित किए गए थे. अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद छत्तीसगढ़ की ओर से अनेक पूर्व सैनिकों ने आवेदन भी जमा किए थे. 319 को फिजिकल टेस्ट के लिए भर्ती प्रक्रिया में चुना गया. इन सब की आयु पूर्व सैनिक होने के कारण 40 से 45 साल के बीच थी. फिजिकल टेस्ट में पूर्व सैनिकों को भी अन्य सामान्य अभ्यर्थियों की तरह ही टेस्ट में शामिल किया गया. इन्हें पूर्व निर्धारित रियायत का कोई लाभ नहीं दिया गया.
महिलाओं के लिए पद नहीं थे आरक्षित :प्लाटून कमांडर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं था. उसमें 400 महिलाओं का चयन हो गया. इन सब बातों को लेकर कई अभ्यर्थियों ने एडवोकेट किशोर भादुड़ी, अभिषेक सिंह, पीके झा, मतीन सिद्दीकी, अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से कई अलग-अलग याचिका लगाई गई है. सभी याचिकाओं में एक साथ सुनवाई की जा रही है. मामले में जस्टिस एन के व्यास ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दिशा निर्देश दिए और गृह विभाग से अगली सुनवाई तक जवाब मांगा है.