बिलासपुर: नगर निगम ने शहर के सबसे बड़े तालाब हेमुनगर बंधवापारा को करोड़ो रुपए खर्च करके विकसित किया था, लेकिन अब पांच साल बाद एक बार फिर उसी तालाब के उन्नयन के लिए निगम करोड़ों रुपए फूंकने जा रहा है. पहले करोड़ों खर्च करने के बाद देखरेख के अभाव में तालाब की स्थिति बदहाल हो चुकी है. इधर तालाब उन्नयन को लेकर फिर से करोड़ों खर्च करने को लेकर निगम सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं.
तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए एक बार फिर करोड़ों फूंकने जा रहा निगम दरअसल, 5 साल पहले शहर के सबसे बड़े हेमुनगर बंधवापारा तालाब का 5 करोड़ खर्च कर सरोहर धरोहर योजना के तहत उन्नयन किया गया था. जिसमें तालाब को पिकनिक स्पॉट के तौर पर नई पहचान मिली थी. लेकिन देखरेख के अभाव और निगम की लापरवाही के चलते 2 साल में ही इसकी स्थिति बदहाल हो गई. तालाब परिसर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया. वहीं सौंदर्यीकरण के लिए लगे सामान पार हो गए.
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ठेका कंपनी और शासन उठाएगा खर्चा
अब जब नगर निगम में सरकार बदली है, फिर से तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों फूंकने की तैयारी है. इस बार इसे पीपीपी मॉडल के तहत निगम विकसित करने जा रहा है. जिसमें 5 करोड़ के करीब रुपये खर्च होंगे. जिसका खर्च आधा शासन और आधा ठेका कंपनी उठाएगी. इधर बदहाल तालाब के सौंदर्यीकरण के नामपर फिर से करोड़ो खर्च को लेकर निगम में काबिज सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं.
महापौर ने कही ये बात
निगम महापौर रामशरण यादव ने इसके लिए पूर्ववर्ती निगम सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि करोड़ों खर्च करने के बाद इसके देखरेख की जिम्मेदारी निगम की थी, लेकिन उसमें लापरवाही बरती गई, जिसके कारण तालाब की स्थिति बदहाल हुई. उन्होंने कहा कि तालाब का सौंदर्यीकरण करने के बाद इसका मेंटेनेंस भी जरुरी होता है. साथ ही उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे शहर के सारे तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा.
वहीं पूर्व महापौर किशोर राय ने कहा कि उनके कार्यकाल में तालाबों का सफल उन्नयन किया गया है. तालाब के अलावा कई जगहों का विकास भी उनके कार्यकाल में किया गया है.