बिलासपुर:अरपा विकास क्षेत्र के प्रभावित शनिचरी और चांटापारा (Shanichari and Chantapara) के 408 परिवारों को बहतराई अटल आवास में बसाया गया है. बुधवार को शहर विधायक शैलेष पाण्डेय ने अटल आवास की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इसके बाद वो सीधे निगम कार्यालय निगम आयुक्त से मिलने पहुंचे.
अरपा नदी के विकास (Development of Arpa River) में बाधा बने 408 मकानों को तोड़कर निगम ने बहतराई के अटल आवास में उन्हें बसाया. यहां इन्हें करीब एक साल हो गए हैं और उनके सामने कई समस्या बनी रही. जैसे चारों ओर गंदगी पसरी हुई है. नाली सफाई, स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस समस्या को जानने को बुधवार को शहर विधायक शैलेश पांडेय पार्षद और एल्डरमैन के साथ बहतराई अटल आवास पहुंचे. यहां के रहवासियों ने बताया कि उन्हें यहां जब से बसाया गया है. तब से चारों ओर गंदगी पसरी हुई है. नाली सफाई, स्ट्रीट लाइट, घरों में सीपेज, जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है.
अटल आवास के हर हिस्से का मुआयना
निरीक्षण के दौरान विधायक शैलेष पांडेय ने बहतराई अटल आवास का हर हिस्से में जाकर मुआयना किया. इस दौरान उन्होंने नाली सफाई, स्ट्रीट लाइट और पसरी गंदगी को देखकर जोन कमिश्नर रंजना अग्रवाल को जमकर फटकार लगाई. नगर विधायक ने जोन कमिश्नर को एक सप्ताह के भीतर व्यवस्था दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए. साथ ही जोन के 4 लोगों की टीम बनाकर हर घर में सर्वे करने का निर्देश दिया, ताकि लोगों की समस्याओं का निराकरण किया जा सके.
नगर निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी से बातचीत
अटल आवास में लोगों से मिलने के बाद विधायक शैलेष पांडेय विकास भवन पहुंचे. जहां उन्होंने नगर निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी से बात की और अटल आवास के लोगों से मिली शिकायतों को विस्तार पूर्वक बताया. नगर विधायक का कहना था कि नगर निगम उस क्षेत्र में मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कार्य करे. विधायक की नाराजगी के बाद नगर निगम आयुक्त ने 6 सदस्य टीम का गठन किया है. इसमें अधीक्षण अभियंता निलोत्पल तिवारी, जोन कमिश्नर रंजना अग्रवाल, कार्यपालन अभियंता पीके पंचायती, क्रांति अशोक कुमार, कार्यपालन अभियंता विद्युत शाखा सुब्रत कर, सहायक अभियंता एसके माणिक को शामिल किया गया है. गठित समिति के द्वारा दो दिन के भीतर संयुक्त रूप से स्थल निरीक्षण कर कौन-कौन से कार्य में कितनी राशि स्वीकृत हैं. कार्य की वर्तमान स्थिति और कौन-कौन से कार्य कराए जाने हैं. किस पर कितनी लागत आएगी, इसके संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया है.