बिलासपुर: जिले के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में ATR (अचानकमार टाइगर रिजर्व) से रेस्क्यू कर लाए गए तेंदुए की मौत हो गई है. वहीं कानन पेंडारी चिड़ियाघर प्रशासन ने आनन-फानन में तेंदुए के पोस्टमॉर्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. तेंदुए की मौत के बाद से कानन पेंडारी के रेस्क्यू सेंटर सहित वहां उपलब्ध चिकित्सा सुविधा की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
अगर हम कानन पेंडारी के इतिहास में झांककर देखें, तो इसके पहले भी कई जानवर यहां आकर काल के गाल में समा गए हैं, लेकिन आज तक कानन प्रशासन किसी भी मामले में जवाबदेही तय करने से बचता रहा है.
बता दें कि 12 अप्रैल को ATR (अचानकमार टाइगर रिजर्व) के कैमरे में एक घायल नर वयस्क तेंदुआ दिखा था, जिसके बाद ATR प्रशासन ने घायल तेंदुए का रेस्क्यू कर उसे इलाज के लिए कानन पेंडारी प्रशासन के हवाले कर दिया. इस बात को भी कानन प्रशासन ने छिपाने की कोशिश की. इसके बाद 19 अप्रैल को कानन के अधिकारियों ने मामले की जानकारी दी, जिसमें घायल नर तेंदुए के स्वास्थ्य में सुधार होने सहित खानपान सामान्य होने और तीन हफ्ते बाद उसे वापस ATR में छोड़ने की बात कही गई. इसके बाद 29 अप्रैल यानि बुधवार को तेंदुए की मौत हो गई, जिसके बाद कानन प्रशासन ने तेंदुए के शव का पोस्टमॉर्टम कराकर अंतिम संस्कार कर दिया.
बड़ा सवाल
अब सवाल यह उठता है कि जब तेंदुए के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था और खानपान सामान्य हो गया था, तो अचानक तेंदुए की मौत कैसे हो गई. क्या इसमें कोई चिकित्सकीय चूक हुई है या फिर पहले कानन के जिम्मेदारों की ओर से मामले को ठंडा करने के लिए हड़बड़ी में बयान दिया गया था.