बिलासपुर :मेडिकल कोर्स में गैरकानूनी रोस्टर मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई (Petition against illegal roster in medical course) है. मामले में याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर कर मामले में सुनवाई की मांग की है. याचिका को गुरुवार को चीफ जस्टिस के बेंच में मेंशनिंग की गई थी, जहां से अधिवक्ता को रजिस्ट्रार जुडिशल के पास भेज दिया गया था. अब इस मामले की सुनवाई सोमवार 7 नवंबर को चीफ जस्टिस करेंगे. चीफ जस्टिस ने इस मामले को अर्जेंट मानते हुए सुनवाई करने का निर्णय लिया (bilaspur highcourt Petition ) है.
मेडिकल कोर्स में गैर कानूनी रोस्टर के खिलाफ याचिका, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस करेंगे सुनवाई - गैरकानूनी रोस्टर पर अवमानना याचिका
मेडिकल कोर्सेज में गैरकानूनी रोस्टर पर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी. इससे पहले इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होनी थी, लेकिन शुक्रवार को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं हो पाई और अधिवक्ता को रजिस्ट्रार जुडिशल के पास भेज दिया गया था. देर शाम जब यह तय हो गया कि शुक्रवार को इस प्रकरण में सुनवाई नहीं होगी. तब डीएमई कार्यालय ने लगभग आधी रात को एमबीबीएस की अलॉटमेंट लिस्ट जारी कर दी थी.
आदिवासी सभा के विधिक सलाहकार बी के मनीष के निर्देशन में मेडिकल कोर्सेज में गैरकानूनी 16-20-14 रोस्टर लागू करने के प्रकरण में हाईकोर्ट में 31 अक्टूबर को 2 गोंड अभ्यर्थियों की रिट पिटिशन अमानना याचिका और 2 नवंबर को एक अतिरिक्त अवमानना याचिका दायर की गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक मेडिकल एडमिशन प्रकरण में मिश्लेनियम एप्लीकेशन दायर की जा रही है. याचिका में प्रार्थना की गई है कि हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले ही मेडिकल एडमिशन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी थी, इसलिए कम से कम 2022 सत्र के लिए 12-32-14 का ही रोस्टर लागू किया जाए.
गुरु घासीदास अकादमी ने कहा कि फैसले को तत्काल लागू करना पड़े तो पूरा आरक्षण शून्य हो जाना चाहिए. आपको बता दें कि मुख्य सचिव अमिताभ जैन और कमलप्रीत के खिलाफ गैरकानूनी 16-20-14 रिजर्वेशन रोस्टर चलाने पर अवमानना याचिका इलेक्ट्रिकल इंजीनियर मनोज कुमार मरावी ने 21 अक्टूबर को दायर की है.