बिलासपुर: हाईकोर्ट में दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने के लिए पीड़िता की जगह दूसरी युवती ने अनापत्ति आवेदन दे दिया था. जिससे नाराज कोर्ट ने अनापत्ति आवेदन देने वाली युवती के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए ये आदेश दिया है. कोर्ट ने शपथपत्र पेश करने वाली युवती को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है.
पूरा मामला रायपुर के पंडरी थाने का है. केस में आरोपी लक्ष्मण उर्फ शक्तिमान ने नाबालिग को जान से मारने की धमकी देकर मारपीट और उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. जिसके बाद केस में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया. इस दौरान आरोपी ने निचली अदालत में जमानत याचिका लगाई, जहां उसका आवेदन खारिज हो गया. इसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत लगाई. जिसकी सुनवाई के दौरान पीड़ित नाबालिग की तरफ से वकील मनोज जायसवाल ने अनापत्ति आवेदन प्रस्तुत किया. जिसे देखकर जस्टिस प्रशांत मिश्रा हैरान रह गए. उन्होंने सवाल किया कि जब पीड़ित नाबालिग है तो आवेदन किसकी तरफ से प्रस्तुत किया गया है और वह कौन है.
जस्टिस प्रशांत मिश्रा हुए नाराज