बिलासपुर:छत्तीसगढ़ बीजेपी की दूसरी लिस्ट सोमवार को जारी हो गई है. बीजेपी ने दिग्गज उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है. इस बीच बिलासपुर जिले के 6 विधानसभा सीटों में से पांच सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बीजेपी की दूसरी लिस्ट में जहां पुराने चेहरों को जगह मिली है. वहीं, नए चेहरे में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव के बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को कोटा से बीजेपी ने टिकट दिया है. लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह जो हाल ही में भाजपा ज्वाइन किए है, उन्हें तखतपुर से टिकट दिया गया है.
तखतपुर में बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर: ऐसे में माना जा रहा है कि तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर होने की संभावनाएं बढ़ गई है. धर्मजीत सिंह पहले कांग्रेस से टिकट लेकर लोरमी विधानसभा से विधायक बने थे. बाद में जोगी कांग्रेस की टिकट में लोरमी से जीते थे. अब वह पार्टी बदलने के साथ ही अपनी सीट भी बदले हैं. ऐसे में पहले से ही तखतपुर विधानसभा में धरमजीत सिंह अपनी उम्मीदवारी की तैयारी कर रहे थे. अब उन्हें इस सीट से टिकट मिलने पर माना जा रहा है कि कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर होगी.
वहीं, बेलतरा विधानसभा सीट पर भाजपा ने अभी अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है. लेकिन जिले की पांच सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए हैं. इन उम्मीदवारों में भाजपा ने तीन पुराने चेहरों को भी मौका दिया है. प्रबल प्रताप सिंह को कोटा विधानसभा से टिकट मिला है. बिल्हा विधानसभा में वर्तमान विधायक धरमलाल कौशिक और मस्तूरी में वर्तमान विधायक कृष्णमूर्ति बांधी को टिकट दिया गया है. तो वहीं तखतपुर विधानसभा से लोरमी के विधायक धर्मजीत सिंह को मौका मिला है. भाजपा ने जिले में नए और पुराने चेहरों पर दाव खेला है. अब देखना है कि ये चेहरे कमल खिला पाते हैं या नहीं.
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जिले में इनको बीजेपी ने दिया टिकट:
बिलासपुर सीट:बिलासपुर विधानसभा सीट में भाजपा ने पूर्व विधायक अमर अग्रवाल को फिर एक बार मौका दिया है. पिछली बार अमर अग्रवाल कांग्रेस के शैलेश पांडेय से 11000 वोटों से हार गए थे. अमर अग्रवाल 1998 से लेकर 2018 तक बिलासपुर के विधायक रहे हैं. साथ ही तीन बार मंत्री भी रहे हैं, लेकिन पिछले बार कांग्रेस से पहली बार टिकट पाए शैलेश पांडेय से ये हार गए थे.
बिल्हा सीट:बिलासपुर जिले की बिल्हा विधानसभा सीट पर भाजपा ने वर्तमान विधायक धरमलाल कौशिक पर एक बार फिर भरोसा जताया है. धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस के विधायक सियाराम कौशिक को हराकर भाजपा की झोली में बिल्हा सीट डाला था. धरमलाल कौशिक राज्य बनने के बाद कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. साल 2008 से 2013 तक विधानसभा अध्यक्ष भी रहे. इसके बाद वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, बाद में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सक्रिय थे.
मस्तूरी सीट: मस्तूरी विधानसभा में भी वर्तमान विधायक कृष्णमूर्ति बांधी को मौका मिला है. वह राज्य बनने के बाद साल 2003 में पहली बार भाजपा से टिकट पाकर जीते. पहले बार में ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बने. इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में सदस्य बनाया गया. इसके बाद वो चुनाव हार गए फिर उन्हें साल 2018 में भाजपा ने मौका दिया. वो उम्मीद पर खरे उतरे और चुनाव जीतकर वर्तमान में विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे है. कृष्णमूर्ति बांधी एससी सीट से चुनाव जीतकर आए हैं. भाजपा ने उन्हें फिर से मौका दिया है.
कोटा सीट:कोटा विधानसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. भाजपा ने इस सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिलासपुर लोकसभा के पूर्व सांसद स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को अपना उम्मीदवार बनाया है. माना जाता है कि जूदेव परिवार कभी भी चुनाव नहीं हारता. यही कारण है कि भाजपा ने प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को कोटा सीट से उम्मीदवार बनाया है. अब देखना होगा कि कांग्रेस की इस परंपरागत सीट को प्रबल प्रताप सिंह जूदेव जीत पाते हैं या नहीं. क्योंकि कोटा विधानसभा सीट कांग्रेस का अभेद किला माना जाता है, जिसे भेदने की जिम्मेदारी बीजेपी ने प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को दिया है.
तखतपुर सीट:तखतपुर विधानसभा सीट में वर्तमान में कांग्रेस की विधायक रश्मि आशीष सिंह है. वह राजनीतिक बैकग्राउंड से आती हैं. रश्मि सिंह के पिता रोहिणी वाजपेयी सांसद रहे हैं. रश्मि सिंह के ससुर बलराम सिंह ठाकुर तखतपुर से पहले विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा विधायक रश्मि सिंह के पति भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं. ऐसे में भाजपा ने हाल ही में पार्टी ज्वाइन किए हुए लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह को मौका दिया है. धर्मजीत सिंह लोरमी से तीन बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा वे राज्य स्थापना के बाद प्रथम विधानसभा में विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर रहे हैं. धर्मजीत सिंह पिछले 5 सालों से लोरमी विधानसभा के अलावा तखतपुर और पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. अब उन्हें तखतपुर विधानसभा से उम्मीदवारी का मौका मिला है. इस सीट पर इस बर जबरदस्त टक्कर देखने को मिलेगा.