बिलासपुर: बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने जिले के शासकीय अस्पतालों के डॉक्टरों को आदेश जारी किया है. आदेश में कलेक्टर ने सख्ती से कहा है कि डॉक्टर मरीजों को दवा के लिए पर्ची लिखते हैं, उसे कैपिटल लेटर के साथ स्पष्ट रूप से लिखें. ताकि मरीज यह समझ सके कि डॉक्टर ने कौन सी दवा लिखी है और मेडिकल स्टोर संचालक ने वही दवा दी है कि नहीं. स्पष्ट रूप से दवा लिखने पर मेडिकल स्टोर संचालक से भी गलती नहीं होगी, जिससे मरीज की जान सुरक्षित रहेगी.
डॉक्टरों को अंग्रेजी के बड़े अक्षरों में लिखना होगा मेडिसिन नेम, आदेश जारी
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 27, 2023, 7:36 PM IST
Bilaspur Collector orders Doctors आप जब भी अस्पताल जाते हैं और डॉक्टर आपको दवाई लिख कर देता है. तो उन्होंने कौन सी दवा लिखा है, आपको समझ नहीं आता. लेकिन अब इस समस्या से लोगों को निजात मिलने वाला है. बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने जिले के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को आदेश जारी किया है कि वे मरीजों को दवाओं के नाम कैपिटल लेटर में स्पष्ट रूप से लिखकर दें. ताकि मरीज और मेडिकल स्टोर संचालक को नाम समझ में आए.
डॉक्टरों की खराब राइटिंग से मिलेगा निजात: अक्सर देखा गया है कि जब भी आप अस्पताल जाते हैं, तो डॉक्टर आपको दवा लिखते हैं और वह दवा आपके समझ में नहीं आता कि आखिर डॉक्टर ने इसमें लिखा क्या है. अस्पष्ट होने के साथ ही राइटिंग ऐसी होती है कि आपको यह लगने लगता है कि यह किसी अन्य भाषा में लिखा है. आप समझ भी नहीं पाते की दवा का नाम क्या है. दवा हमेशा इंग्लिश में ही लिखा होता है, लेकिन अब इस समस्या से बिलासपुर जिले के मरीजों को निजात मिल जाएगा. बिलासपुर कलेक्टर के आदेश के बाद अब सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के लिखे पर्ची में स्पष्ट रूप से कैपिटल लेटर में दवाओं के नाम लिखे जाएंगे.
कबाड़ निकालकर कमरों को करें व्यवस्थित:बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने अस्पतालों के अनेक कमरों में जमा कबाड़ सामानों को उचित तरीके से डिस्पोजल करने को कहा है. इससे कई कमरे खाली हो जाएंगे, जिनका उपयोग अस्पताल में अन्य सुविधाओं के लिए किया जा सकेगा. अक्सर देखा गया है कि अस्पतालों के कई कमरों में अस्पताल के ही पुराने टूटे हुए बेड, स्ट्रेचर, चेयर और अन्य सामान रखे होते हैं. जिसकी वजह से कई कमरे बेवजह भरे होते हैं. इसमें ना मरीजों को भर्ती किया जा सकता है और ना ही दूसरी सुविधाओं के लिए उपयोग किया जा सकता है. लेकिन अब कलेक्टर के आदेश के बाद अस्पतालों के कबाड़ को हटाया जाएगा. जिससे अस्पतालों के कई कमरे खाली हो जाएंगे. जिनका उपयोग मरीजों को भर्ती करने के लिए किया जाएगा.