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छत्तीसगढ़ में पहली बार ऑर्थाेमोर्फिक सर्जरी, बिलासपुर सिम्स के डॉक्टरों ने कर दिखाया कमाल - ऑर्थाेमोर्फिक सर्जरी

orthomorphic surgery first time in chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पहली बार एक मरीज का ऑर्थाेमोर्फिक सर्जरी सफलता पूर्वक किया गया. ये कमाल बिलासपुर सिम्स के दंतरोग विभाग के डॉक्टरों ने कर दिखाया. orthomorphic surgery first time in chhattisgarh

orthomorphic surgery first time in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में पहली बार ऑर्थाेमोर्फिक सर्जरी

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 30, 2023, 10:20 PM IST

बिलासपुर:बिलासपुर सिम्स मेडिकल कॉलेज ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. सिम्स के दंतरोग विभाग के डॉक्टरों ने प्रदेश का पहला ऑर्थाेमोर्फिक सर्जरी सफलतापूर्वक किया है. सिम्स से मिली जानकारी के मुताबिक बिल्हा ब्लॉक के दुर्जनपुर निवासी 22 वर्षीय मरीज का 12 साल की उम्र के बाद बाएं तरफ का जबड़ा बंद हो गया था. इसके बाद नीचे और उपर का जबड़ा टेढ़ा होता चला गया. दांतों का सिस्टम भी बिगड़ गया था. इससे चेहरा असंतुलित हो गया था.

प्रदेश में पहला मामला: बिलासपुर सिम्स के डेंटल विभाग ने पीड़ित युवती के टेढ़े जबड़ों का सफल ऑपरेशन किया है. दंतरोग विभाग ने पहले मरीज की जांच की. सभी आवश्यक जांच और एक्सरे के बाद चेहरे का 3डी सीटी स्केन किया गया. फिर युवती को अस्पताल में भर्ती किया गया. कुल 8-9 घंटे ऑपरेशन किया गया. फिलहाल युवती पtरी तरह सुरक्षित है.

जून माह में किया गया पहले चरण का ऑपरेशन:इस बारे में बिलासपुर सिम्स मेडिकल कॉलेज ने जानकारी दी कि, " सिम्स अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने एक युवती को उसके निराशा भरी जिंदगी से बाहर निकाल कर उसे जीने लायक बनाया. उसके बिगड़े चेहरे को सुंदरता प्रदान की है. सिम्स के डॉक्टरों ने प्रदेश का पहला ऑर्थाेमोर्फिक सर्जरी कर युवती को नया जीवन देने का काम किया है. युवती के अविकसित जबड़े की लंबाई-उंचाई बढ़ाई. युवती का 12 साल की उम्र में बाएं तरफ का जबडा बंद हो गया था. युवती का बाएं तरफ का उपर और नीचे का जबडा और ठुड्डी अविकसित था. युवती की समस्या को ध्यान में रखकर माल्टिस्पेशलिटी डिस्ट्रेक्शन ऑस्टियोजेनेसिस की योजना बनाई गई, जिसमें आधुनिक तकनीक द्वारा चेहरे का 3डी प्रिंटिंग मॉडल बनाकर 1-2 घंटे का ऑपरेशन कर उपर और निचले जबड़े में इंट्रा ओरल डिस्ट्रेक्टर नामक डिवाईस लगांकर प्रथम चरण का ऑपरेशन जून 2023 में किया गया."

पांच माह बाद फिर किया गया ऑपरेशन:सिम्स के डॉक्टरों ने पांच महीने के बाद युवती का दूसरे चरण का ऑपरेशन किया. यह ऑपरेशन 8-9 घंटे चला. सिम्स के दंतरोग विभाग की सूझबूझ से सफल ऑपरेशन किया गया. प्रथम चरण के ऑपरेशन के दौरान जो इंट्रा ओरल डिस्ट्रेक्टर डिवाईस लगाया गया था, उसे भी इस ऑपरेशन में निकाल लिया गया है. युवती का अविकसित ठुड्डी का ऑपरेशन जेनियोप्लास्टी करके और आगे हाईट बढ़ाया गया, जिसे ऑर्थाेमोर्फिक सर्जरी कहते है. यह प्रदेश का पहला ऑर्थाेमोर्फिक सर्जरी है, जिसमें अविकसित जबड़े की लम्बाई एवं उचाई बढ़ाई गई.

बता दें कि साल 2019 और 2020 में भी सिम्स के दंतरोग विभाग की ओर से इसी तरह की बीमारी का इलाज किया गया था. हालांकि ये ऑपरेशन प्रदेश का पहला ऑर्थाेमोर्फिक सर्जरी है.

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