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सरगुजा यूनिवर्सिटी में डॉ. अशोक सिंह बने रहेंगे कुलपति: HIGH COURT - सरगुजा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर रोहिणी प्रसाद

बिलासपुर हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक सरगुजा यूनिवर्सिटी में डॉ. अशोक सिंह कुलपति बने रहेंगे.

बिलासपुर हाईकोर्ट
बिलासपुर हाईकोर्ट

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Published : Jul 7, 2022, 11:24 AM IST

Updated : Jul 7, 2022, 11:45 AM IST

बिलासपुर:सरगुजा विश्वविद्यालय के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई में कोर्ट ने डॉ.अशोक सिंह के कुलपति बने रहने के आदेश जारी किया है. इससे पहले डॉक्टर रोहिणी प्रसाद को दोबारा शेष कार्यकाल पूरा होने तक कुलपति पद पर नियुक्त करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ शासन की अपील मंजूर करते हुए डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के निर्णय को रद्द कर दिया. अब प्रोफेसर अशोक सिंह कुलपति बने रहेंगे.

जानें क्या था पूरा मामला: राज्य में सरकार बदलने के बाद विश्वविद्यालयों में कुलपतियों को बदलने की कवायद साल 2019 में की गई. पहले दुर्ग विश्वविद्यालय और कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सरगुजा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर रोहिणी प्रसाद ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, तो धारा 52 लगाकर आयुक्त सरगुजा को प्रभार दिया गया. बाद में अशोक सिंह को कुलपति बनाया गया था. इससे पहले इनके खिलाफ फर्जी शिकायतें हुईं, जिस पर एक जांच कमेटी बनाई गई. इसकी रिपोर्ट नहीं आई. 24 दिसंबर को एक अन्य कमेटी सरगुजा आयुक्त ने बनाकर इसकी रिपोर्ट तैयार की. यह शासन को भेजी गई, जिसमें कहा गया कि कुलपति कुछ कार्यकलापों से सरकार की छवि खराब कर रहे हैं.

3 जनवरी 2020 को धारा 52 लगा दी गई. 6 जनवरी को डॉक्टर रोहिणी प्रसाद हटा दिए गए. आयुक्त को प्रभारी कुलपति बनाया गया. बाद में अशोक प्रसाद को नियमित कुलपति नियुक्त किया गया. इससे व्यथित होकर डॉक्टर रोहिणी प्रसाद ने हाईकोर्ट की शरण ली. तब जस्टिस पी सैम कोसी ने सुनवाई करते हुए शासन द्वारा इन्हें पद से हटाने का आदेश, जांच कमेटी और उसका आदेश और नए सिरे से कुलपति नियुक्त करने के आदेश को भी निरस्त कर दिया था.

इसके खिलाफ अशोक सिंह और राज्य सरकार ने चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच में अपील की. हाईकोर्ट ने अशोक सिंह द्वारा उस आवेदन को नामंजूर किया, जिसमें हाई कोर्ट में अपील की अनुमति मांगी गई थी. राज्य सरकार की अपील पर रोहिणी प्रसाद के पक्ष में दिए गए सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया गया. अब प्रोफेसर अशोक सिंह कुलपति पद पर काम करते रहेंगे. शासन की ओर से डिप्टी एजी जितेंद्र पाली और अशोक सिंह की ओर से एडवोकेट मनोज परांजपे ने पक्ष रखा था.

Last Updated : Jul 7, 2022, 11:45 AM IST

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