बिलासपुर:सरगुजा विश्वविद्यालय के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई में कोर्ट ने डॉ.अशोक सिंह के कुलपति बने रहने के आदेश जारी किया है. इससे पहले डॉक्टर रोहिणी प्रसाद को दोबारा शेष कार्यकाल पूरा होने तक कुलपति पद पर नियुक्त करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ शासन की अपील मंजूर करते हुए डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के निर्णय को रद्द कर दिया. अब प्रोफेसर अशोक सिंह कुलपति बने रहेंगे.
जानें क्या था पूरा मामला: राज्य में सरकार बदलने के बाद विश्वविद्यालयों में कुलपतियों को बदलने की कवायद साल 2019 में की गई. पहले दुर्ग विश्वविद्यालय और कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सरगुजा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर रोहिणी प्रसाद ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, तो धारा 52 लगाकर आयुक्त सरगुजा को प्रभार दिया गया. बाद में अशोक सिंह को कुलपति बनाया गया था. इससे पहले इनके खिलाफ फर्जी शिकायतें हुईं, जिस पर एक जांच कमेटी बनाई गई. इसकी रिपोर्ट नहीं आई. 24 दिसंबर को एक अन्य कमेटी सरगुजा आयुक्त ने बनाकर इसकी रिपोर्ट तैयार की. यह शासन को भेजी गई, जिसमें कहा गया कि कुलपति कुछ कार्यकलापों से सरकार की छवि खराब कर रहे हैं.