बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की हरियाली और खुशहाली का पर्व 'भोजली' बड़े ही हर्षोउल्हास से मनाया गया. इस दौरान तोरवा घाट पर बिलासपुर महापौर रामशरण यादव ने भोजली की टोकरी को अपने सिर पर रखकर अरपा नदी में विसर्जित किया और हर साल होने वाली इस परंपरा को जारी रखा.
छत्तीसगढ़ की मान्यता के अनुसार भोजली को मितान दिवस के रूप में मनाया जाता है. या यूं कहें कि ये छत्तीसगढ़ का फ्रेंडशिप डे होता है. भादो का महीना लगने के 21 दिन पहले लोग अपने घरों में गेहूं के दाने को टोकरी में बोते हैं. इसके बाद 22वें दिन भोजली का विसर्जन नदी या तलाबों में कर दिया जाता है. जहां स्थानीय लोग ''देवी गंगा देवी गंगा लहर तुरंगा'' जैसे पारंपरिक गीत गाते बजाते हुए भोजली का विसर्जन करते हैं.
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