बिलासपुर:बिलासपुर अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी एग्जाम से पहले एग्जाम मोड को लेकर एक्टिव हो गया है. एनएसयूआई ने वोटिंग पोल सर्वे शुरू किया है. इसमें अटल यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों के स्टूडेंट्स से एग्जाम मोड को लेकर पोल के जरिए उनका मत लिया जा रहा है. स्टूडेंट्स से मिले मत और सर्वे रिपोर्ट को राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कुलपति को सौंपकर छात्रहित में निर्णय लेने की मांग की जाएगी.
एग्जाम मोड में आया बिलासपुर अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी एनएसयूआई ने वोटिंग पोल सर्वे शुरू किया
अटल यूनिवर्सिटी से संबद्ध बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा और पेंड्रारोड जिले के महाविद्यालयों में 15 अप्रैल के बाद मुख्य परीक्षा का आयोजन होना है. अटल यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग ने ऑफलाइन परीक्षा का निर्णय लिया है. छात्र इसे लेकर लगातार विरोध जता रहे हैं. छात्र जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा की मांग कर रहे हैं. लिहाजा छात्रों की इस मांग को मजबूती के साथ शासन व यूनिवर्सिटी प्रबंधन तक पहुंचाने के लिए एनएसयूआई ने वोटिंग पोल सर्वे शुरू किया है. इसमें एग्जाम मोड को लेकर सर्वे कराया जा रहा है. स्टूडेंट्स का मत लिया जा रहा है. सर्वे पोल में ऑनलाइन, ऑफलाइन और वस्तुनिष्ठ प्रश्नपत्र के तीन विकल्प दिए गए हैं.
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20 मार्च तक एनएसयूआई चलाएगा सर्वे पोल
इस सर्वे पोल को विश्वविद्यालयीन छात्र-छात्राओं के बीच सर्कुलेट किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स के मत एग्जाम को लेकर सामने आ सके. इस सर्वे पोल में स्टूडेंट्स अधिक संख्या में हिस्सा भी ले रहे हैं. 48 घंटे में ही करीब 30 हजार स्टूडेंट्स के मत रिकॉर्ड हो चुके हैं. हालंकि 20 मार्च तक इस सर्वे पोल को एनएसयूआई चलाने जा रहा है.
जैसी शिक्षा, वैसी परीक्षा की मांग
बातचीत के दौरान एनएसयूआई पदाधिकारियों ने कहा कि कोविड के कारण लंबे समय तक कॉलेज बंद रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई के कारण सिलेबस भी पूरे नहीं हुए हैं. ऐसे में छात्र लगातार जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा के लिए वार्षिक परीक्षा की मांग कर रहे हैं. इसे देखते हुए छात्रों के मत को मजबूती से शासन व यूनिवर्सिटी प्रबंधन के समक्ष रखने के लिए एनएसयूआई ने एग्जाम मोड को लेकर पोल सर्वे शुरू किया है. इस सर्वे पोल के जरिए परीक्षा को लेकर स्टूडेंट का अभिमत स्पष्ट हो जाएगा. जिसके आधार पर स्टूडेंट्स का मत सर्वे रिपोर्ट के साथ राज्यपाल, मुख्यमंत्री व कुलपति को सौंप कर छात्र हित में निर्णय लेने की मांग की जाएगी.
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एनएसयूआई का दूसरा गुट ऑफलाइन एग्जाम के पक्ष में
जहां एक ओर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष ने वोटिंग पोल के माध्यम से ऑनलाइन एग्जाम करने की बात कह रहे हैं. तो वहीं एनएसयूआई का दूसरा गुट इस मामले में ऑफलाइन एग्जाम होने को सही बताता है. दूसरे गुट के नेताओं का कहना है कि 2 साल से ऑनलाइन एग्जाम हो रहा है. स्टूडेंट पास भी हो रहे हैं. यदि फर्स्ट ईयर, सेकंड ईयर के स्टूडेंट ऑनलाइन एग्जाम में पास हो गए हैं और इस तीसरे साल में यदि ऑनलाइन परीक्षा कराया जाएगा तो वो पास होंगे. ऐसे स्टूडेंट जब नौकरी के लिए जाएंगे तो उनके ग्रेजुएशन का महत्व कम हो जाएगा. ऐसे में उन्हें सरकारी नौकरी मिलने में दिक्कत तो होगी. साथ ही निजी कंपनियों में भी इसे जनरल प्रमोशन मानकर उस स्टूडेंट की काबिलियत पर सवालिया निशान लगेगा. ऐसे में ऑफलाइन एग्जाम यदि कराया जाएगा तो उन्हें कुछ फायदा हो सकेगा.