बिलासपुर:Amrit Mission Scheme बढ़ते शहर के साथ न्यायधानी बिलासपुर में शुद्ध पेयजल और ग्राउंड वाटर को बचाने के लिए अमृत मिशन योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना को वर्ष 2017 में 301 करोड़ की लागत से योजना पर काम शुरू किया गया था. काम शुरू होने के साथ ही ये माना जा रहा था कि तय समय में प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद शहर को योजना का लाभ मिलेगा. bilaspur nagar nigam लेकिन बिलासपुर की अमृत मिशन योजना भी सीवरेज योजना की राह पर चल पड़ी है. योजना पर काम शुरू हुए 5 साल बीत गए हैं. अब तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है. प्रोजेक्ट पूरा करने लगातार डेडलाइन बढ़ाई जा रही है. इधर योजना पर प्लानिंग के साथ काम नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं. bilaspur news update
सड़कें खोदकर दोबारा मरम्मत नहीं हो रही:बिलासपुर शहर के नगर निगम क्षेत्र में शुरू किए गए योजना के नाम पर सड़कें खोदी जा रही हैं. जिसकी समय पर मरम्मत नहीं हो रही है. अब तक घरों में कनेक्शन का काम भी पूरा नहीं किया जा सका है. स्थिति ये है कि अब भी शहर के बाहर करीब 15 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का काम बाकी है. प्रस्तावित 35 हजार कनेक्शनों में केवल 32 हजार घरों में ही कनेक्शन हो सका है. ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी अधूरा है.
डेड लाइन निकले दो साल गुजर गए:अमृत मिशन प्रोजेक्ट को पूरा करने की पहली डेडलाइन वर्ष 2019 तय की गई थी. लेकिन तय समय में 30 प्रतिशत काम ही हो सका. इस बीच निगम और शहर सरकार भी बदल गई. जिसके बाद योजना को पूरा करने का जिम्मा कांग्रेस सरकार पर आ गया. नई सरकार ने योजना को पूरा करने फिर नई डेडलाईन तय की. इस बीच करीब 5 बार डेडलाइन को एक्सटेंड किया गया. हालंकि इस बीच कोरोना का भी कालखंड रहा. लेकिन इसके बावजूद स्थिति सामान्य होने के बाद भी अब तक योजना को पूरा नहीं किया जा सका है. आज भी प्रोजेक्ट अधूरा है. प्रोजेक्ट की लेटलतीफी का शिकार जनता हो रही है. गर्मी में जहां लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. वहीं बाकी समय दूषित पेयजल के कारण लोग जल जनित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.