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बिलासपुर में दम तोड़ता अमृत मिशन, क्या साल 2023 में प्रोजेक्ट होगा पूरा - बिलासपुर में अमृत मिशन प्रोजेक्ट अधूरा

Amrit Mission Scheme बिलासपुर शहर में "नौ दिन चले अढ़ाई कोस" की तर्ज पर चल रहा शहर में अमृत मिशन योजना का काम. शहरवासियों को शुद्ध पेयजल आसानी से उपलब्ध कराने राज्य सरकार ने शहर से 30 किलोमीटर दूर खूंटाघाट जलाशय से पानी लेकर फिल्टर कर उसे टैप नल के माध्यम से घरों तक पहुंचाने अमृत मिशन योजना की शुरुवात की थी. इस योजना के शुरू होने से दो फायदे होंगे. पहला तो ये की सर्फेस वाटर का सदुपयोग के साथ व्यर्थ होने वाले पानी का उपयोग होगा. bilaspur nagar nigam वहीं दूसरा फायदा ये कि ग्राउंड लेवल वाटर को भविष्य के लिए बचाया जा सकेगा. लेकिन योजना की लेटलतीफी से आम जनता इसके फायदे से महरूम हो रहा है. bilaspur news update

Amrit mission project incomplete in Bilaspur
बिलासपुर में अमृत मिशन प्रोजेक्ट अधूरा

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Published : Dec 14, 2022, 4:44 PM IST

बिलासपुर में अमृत मिशन प्रोजेक्ट अधूरा

बिलासपुर:Amrit Mission Scheme बढ़ते शहर के साथ न्यायधानी बिलासपुर में शुद्ध पेयजल और ग्राउंड वाटर को बचाने के लिए अमृत मिशन योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना को वर्ष 2017 में 301 करोड़ की लागत से योजना पर काम शुरू किया गया था. काम शुरू होने के साथ ही ये माना जा रहा था कि तय समय में प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद शहर को योजना का लाभ मिलेगा. bilaspur nagar nigam लेकिन बिलासपुर की अमृत मिशन योजना भी सीवरेज योजना की राह पर चल पड़ी है. योजना पर काम शुरू हुए 5 साल बीत गए हैं. अब तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है. प्रोजेक्ट पूरा करने लगातार डेडलाइन बढ़ाई जा रही है. इधर योजना पर प्लानिंग के साथ काम नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं. bilaspur news update


सड़कें खोदकर दोबारा मरम्मत नहीं हो रही:बिलासपुर शहर के नगर निगम क्षेत्र में शुरू किए गए योजना के नाम पर सड़कें खोदी जा रही हैं. जिसकी समय पर मरम्मत नहीं हो रही है. अब तक घरों में कनेक्शन का काम भी पूरा नहीं किया जा सका है. स्थिति ये है कि अब भी शहर के बाहर करीब 15 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का काम बाकी है. प्रस्तावित 35 हजार कनेक्शनों में केवल 32 हजार घरों में ही कनेक्शन हो सका है. ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी अधूरा है.


डेड लाइन निकले दो साल गुजर गए:अमृत मिशन प्रोजेक्ट को पूरा करने की पहली डेडलाइन वर्ष 2019 तय की गई थी. लेकिन तय समय में 30 प्रतिशत काम ही हो सका. इस बीच निगम और शहर सरकार भी बदल गई. जिसके बाद योजना को पूरा करने का जिम्मा कांग्रेस सरकार पर आ गया. नई सरकार ने योजना को पूरा करने फिर नई डेडलाईन तय की. इस बीच करीब 5 बार डेडलाइन को एक्सटेंड किया गया. हालंकि इस बीच कोरोना का भी कालखंड रहा. लेकिन इसके बावजूद स्थिति सामान्य होने के बाद भी अब तक योजना को पूरा नहीं किया जा सका है. आज भी प्रोजेक्ट अधूरा है. प्रोजेक्ट की लेटलतीफी का शिकार जनता हो रही है. गर्मी में जहां लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. वहीं बाकी समय दूषित पेयजल के कारण लोग जल जनित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.


योजना में खामी भी है:योजना को लेकर एक बड़ी खामी की बात भी बार बार सामने आ रही है. जिस अहिरन नदी से खारंग जलाशय तक पानी लाने और खारंग जलाशय से शहर में पानी सप्लाई करने की योजना है. उसमें अहिरन, खारंग लिंक परियोजना को अभी स्वीकृति ही नहीं मिली है. मतलब अमृत मिशन योजना का काम पूरा कर भी लिया जाता है. तो अकेले खारंग से पानी की आपूर्ति नहीं की जा सकेगी. ऐसे में इसे लेकर भी बार बार योजना के प्लानिंग पर सवाल खड़े होते हैं.

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दिसंबर में काम पूरा हो जाना था:अमृत मिशन योजना के काम को लेकर निगम के अधिकारियों ने पहले दावा किया था कि पूरी योजना में दिसंबर तक काम पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद योजना का लाभ लोगों को मिलने लगेगा, बहरहाल, तमाम दावों वायदों और जनता की अपेक्षा के बीच देखना होगा जिस उद्देश्य के साथ अमृत मिशन योजना को लाया गया है. उसका लाभ जनता को कब मिलता है.

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