गौरेला-पेंड्रा-मरवाही:प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने 18 सितंबर को नवगठित जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के लोगों के लिए सौगातों की झड़ी लगा दी. उन्होंने रायपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 332 करोड़ रुपयों की लागत से 208 कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया. इसे लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 'मरवाही में जिस जगह पर कोई नदी ही नहीं, जिस जगह पर कोई रेल लाइन ही नहीं है, वहां पर वे नदी और रेल लाइन कैसे लाएंगे, वे कोई जादूगर हैं क्या!'
JCCJ प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी दरअसल 18 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवगठित जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के लोगों के लिए विकास कार्यों का पिटारा खोल दिया. उन्होंने जिले के विकास के लिए 232 करोड़ रुपयों की लागत से 208 कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण कार्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रायपुर से किया. इस अवसर पर गौरेला के साधु हॉल में स्थानीय प्रशासन के साथ जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी मौजूद रहे.
'छत्तीसगढ़ की जनता से हो रहा छलावा'
इस शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम पर JCCJ प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सवालिया निशान उठाने शुरू कर दिए हैं. अमित जोगी ने कहा है कि 'यह मुख्यमंत्री जी हैं या जादूगर हैं. उन्होंने अमेराटिकरा और भर्रीडांड गांव के बीच सोन नदी पर 5 करोड़ 57 लाख की लागत से बनाए जाने वाले पुल का शिलान्यास कर दिया है, लेकिन अमेराटिकरा और भर्रीडांड गांव के बीच में सोन नदी है ही नहीं. अब वहां पर नदी है ही नहीं, तो कौन सा पुल वे बनवाने जा रहे हैं. इसी तरह छत्तीसगढ़ की जनता के साथ वे छलावा कर रहे हैं.'
अमित जोगी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालते हुए कहा कि 'जिस तरह सोन नदी पर पुल बनाने के लिए शिलान्यास किया गया है, उसी तरह 212 करोड़ की लागत से बारी उमराव और कंचनडीह के बीच रेलवे ओवरब्रिज का लोकार्पण किया है. मरवाही की जनता की तरफ से इन दोनों बातों के लिए मैं उनका दिल से आभारी हूं. मेरा केवल उनसे एक ही प्रश्न है कि जिस जगह सोन नदी और रेलवे लाइन नहीं हैं, वहां पर करोड़ों का पुल और ओवरब्रिज कैसे बन गया? जिस दिन अमेराटिकरा और भर्रीडांड के बीच सोन नदी प्रकट हो जाएगी और बारी उमरांल और कंचनडीह के बीच रेलवे लाइन आ जाएगी, मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा.'